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लॉकडाउन की वजह से शुरू हुए ऑनलाइन शिक्षा देने वाली इस योजना में क्या विकलांग विद्यार्थी नहीं है इसके हकदार

locationजगदलपुरPublished: May 07, 2020 08:54:53 am

Submitted by:

Badal Dewangan

पड़ाई तुहर द्वार के कपाट विकलांगों के लिए हैं बंद, इधर विकलांग विद्यार्थी इससे वंचित हैं

लॉकडाउन की वजह से शुरू हुए ऑनलाइन शिक्षा देने वाली इस योजना में क्या विकलांग विद्यार्थी नहीं है इसके हकदार

लॉकडाउन की वजह से शुरू हुए ऑनलाइन शिक्षा देने वाली इस योजना में क्या विकलांग विद्यार्थी नहीं है इसके हकदार

जगदलपुर. कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए देशव्यापी लॉक डाउन की वजह से स्कूल- कालेज में अध्ययनरत छात्रों को उनके संस्थान में जाने की मनाही है। इसके कारण प्रदेश भर के स्कूल-कालेज में तालाबंदी है। यहां शिक्षकों को भी आने की मनाही कर दी गई है। इस वजह से परीक्षाएं तक स्थगित करनी पड़ी। लॉक डाउन की वजह से शिक्षण संस्थान बंद होने का असर यह रहा कि नए सत्र की पढ़ाई शुरू नही हो सकी है।

48 दिनों से जारी लॉक डाउन की वजह से चालू सत्र में शिक्षण व्यवस्था ठप हो गई है। इसका हल निकालते हुए राज्य शासन ने शिक्षकों- विद्यार्थियों के लिए ऑन लाइन शिक्षण कराने वेबसाइट डेवलप किया है। इसे पढ़ाई तुहर द्वार के नाम से लांच किया गया है। इस वेबसाइट के जरिए शिक्षक अपना पाठ विद्यार्थियों तक पहुंचा रहे हैं। इसके जरिए पठन- पाठन का काम जारी है।

इधर विकलांग विद्यार्थियों के लिए नहीं है व्यवस्था
पढ़ाई तुहर द्वार योजना का लाभ सामान्य विद्यार्थी तो जैसे तैसे उठा ही ले रहे हैं। पर जिले के अंध- मूक- बघिर, अस्थि बाधितार्थ व विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग जन इससे वंचित हैं। आड़ावाल में इनके अध्ययन व छात्रावास के लिए बनाया गया परिसर इन दिनों पूरी तरह से खाली है। पूछताछ में पता चला कि यहां पहली से लेकर १२ वीं तक की कक्षाओं में ९४ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें ५९ बालक व ३५ बालिकाएं हैं। शिक्षण सत्र के खत्म होने के पहले बिना परीक्षााएं लिए लॉक डाउन की वजह से छात्रावास खाली करवा दिया गया है। सभी विद्यार्थी अपने घर भिजवा दिए गए हैं। अब इन विद्यार्थियों के पढ़ाई की व्यवस्था नहीं होने से दिक्कत हो रही है।

कम्प्यूटर है, एप हैं पर एक्सपर्ट नहीं
इन विद्यार्थियों की क्षमता सामान्य विद्यार्थियों की तरह ही है। ऐसे में यह सभी कम्प्यूटर सुविधाओं के जरिए शिक्षण भी लेते रहे हैं। कुछ के पास सरकारी स्मार्ट फोन भी है। जिसमें उनके सहायक एप भी उाउन लोड है ं। बावजूद पढ़ाई तुहर द्वार जैसी योजनाओं से नहीं जुड़े होने से इनके शिक्षण में बाधा आ रही है। इनके अभिभावकों का कहना है कि इन्हें भी इस वेबसाइट की सुविधा मिलनी चाहिए थी। पत्रिका ने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई तो पता चला कि राज्य स्तर पर इस तरह के कोर्स डेवलप करने एक्सपर्ट ही नहीं हैं। इस वजह से इनकी पढ़ाई में बाधा आ रही है व यह सभी अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
अभी तक तो नहीं
पढ़ाई तुहर द्वार वेबसाइट सामान्य विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। इसका बेहतर संचालन किया जा रहा है। दिव्यांग जन के लिए किसी तरक के कोर्स का संचालन नहीं किया जा रहा है।
एम सुधीश, सहायक संचालक, समग्र शिक्षा अभियान
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