शहर से 12 किमी दूर चिड़ईपदर प्राथमिक शाला में विद्युत कनेक्शन तो है, बल्ब भी है, पंखे नहीं है। इसकी शिकायत विद्युत कंपनी से की जा चुकी है, लेकिन इस स्कूल का हाल भी यही है। विभाग के अधिकारियो ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। चिड़इपदर प्राथमिक शाला एक साल से अंधेरे में है। यहां विद्युत नहीं है। विद्यार्थियों ने कहा कि हमें बिजली चाहिए। हमारे स्कूल में पंखा भी नही है। हम खिड़की खोल के पड़ते हैं।
शिक्षक नीलधर बघेल ने बताया कि एक साल से बंद है, विद्युत विभाग से इसकी शिकायत की थी, लेकिन अभी तक फाल्ट को सुधारा नहीं गया है। अंधेरे में पढ़ाने में मुश्किल होती है। विद्यार्थी नंदनी, अंजलि, मोहित ने स्कूल में बिजली की मांग की है और पंखे लगाने की मांग की है। पालक बालक दास पांडे ने बताया कि शाला में बिजली नहीं है और विद्युतकर्मी इसे सुधारने के लिए भी नहीं आते हैं।
चिड़ईपदर स्कूल की तरह ही परचनपाल स्कूल में भी बिजली कनेक्शन था, पर बिजली नहीं थी, पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद विद्युतकर्मियों ने स्कूल में जाकर फाल्ट को सुधारा था।
कार्यपालन अभियंता पीएन सिंह ने बताया कि विद्युतकर्मियों को भेजकर व्यवस्था सुधारी जाएगी। विद्युत कंपनी शिकायत पर घंटे भर में विद्युत फाल्ट सुधार देते हैं।