बस्तर

धान खरीदी घोटाले के मास्टरमांइड का हुआ पर्दाफाश, धान की कीमत जान आप भी रह जाएगें हैरान

धान खरीदी में 12 लाख का घोटाला, तहसीलदार ने किया पर्दाफाश पूर्व केन्द्र प्रभारी है घोटाले का मास्टर माइंड 7 किसानों के नाम काट केन्द्र बेचा अपना

बस्तरFeb 02, 2018 / 09:59 am

Badal Dewangan

जगदलपुर . धान के अवैध व्यापार के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रखते हुए तहसीलदार बकावंड आनंद राम नेताम ने एक और मामले में उपार्जन केन्द्र करीत गांव में 12 लाख पच्चीस हजार रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस घोटाले का मास्टर माइंड पूर्व लैम्पस संचालक गजेन्द्र सिंह पाणीग्राही है।
मंडी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया
तहसीलदार आनंद राम नेताम ने बताया कि उन्हें उपार्जन केन्द्र करीत गांव, लैम्पस मालगांव शाखा में धान खरीदी में अवैध घोटाला होने की खबर मिली थी। मामले की गंभीरता को देख उन्होंने उपार्जन केन्द्र पहुंच खरीदी रजिस्टर व टोकन पर्ची का मिलान किया गया। जिसमें पाया गया कि 29 जनवरी को मंचित, पिता समदू का टोकन नहीं कटा है और ना ही खरीदी रजिस्टर में नाम दर्ज है। इसी तरह 30 जनवरी को छह कृषकों का टोकन नहीं काटा गया है, और खरीदी रजिस्टर में नाम दर्ज किया गया है। इन सभी कृषकों का धान खरीदी केंद्र में नहीं आया है और उसे यहां खरीदी दिखाया गया है। जिसके बाद तहसीलदार ने मौके पर ऑपरेटर का बयान दर्ज किया। जिसमें ऑपरेटर ने बताया कि यह कृत्य पूर्व खरीदी केन्द्र प्रभारी गजेन्द्र पाणीग्राही के कहने पर किया था। सात किसानों के नाम काटकर उसके स्थान पर गजेन्द्र पाणीग्राही के 820.20 क्विंटल धान खरीदी की गई थी। इसका गजेन्द्र पाणीग्राही को ऑनलाइन भुगतान भी किया गया जा चुका है। तहसीलदार कार्रवाई पूर्ण करने गरुवार को सभी सात किसानों का बयान दर्ज करने करीतगांव पहुंचे थे। बयान के आधार पर गड़बड़ी पाए जाने के बाद उन्होंने मंडी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है।
पहले भी हुई थी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई
इससे पूर्व भी तारागुड़ा बाजार में गजेन्द्र पाणीग्राही को खुले में धान खरीदी करते हुए तहसीलदार आनंद राम नेताम ने ही पकड़ा था। इस दौरान उसका 105 कट्टा धान जप्त किया गया था। साथ ही दो गोदाम भी सील की गई थी। इसके बाद भी गजेन्द्र पाणीग्राही धान खरीदी के अवैध व्यापार में संलिप्त रहा।
किसानों ने बैंक से लिया है लोन
तहसीलदार ने बताया कि गजेन्द्र जिन सात किसानों के नाम काट कर अपना धान केन्द्र में बेचा था। उन सभी किसानों ने जिला सहकारी मर्यादित केन्द्रीय बैंक में फसल के लिए लोन लिया हुआ है। इस तरह गजेन्द्र ऑपरेटर के साथ मिलकर उन किसानों से ठगी कर ऑनलाइन पेमेंट 12 लाख बीस हजार रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवाया लिया है। जिसकी वजह से यह सात किसान केन्द्र में धान नहीं बेच सके और लोन चुकाने से भी वंचित हो गए।

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