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एंबुलेंस को रास्ता देने के महत्व के बारे में बताया
हर चार मिनट की देरी से पीडि़तों के बचने की संभावना ७० से ७ प्रतिशत तक कम हो जाती है। इस जागरूकता अभियान के तहत छात्र परिवार, दोस्तों और आस-पड़ोस के लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ छात्र विभिन्न क्षेत्रों के प्रभावशाली लोगों से भी संपर्क कर रहे हैं और उन्हें इस विषय पर आगे जन जागरूकता पैदा करने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ओक्रीज एंप्लाई एम रविशंकर ने बस्तर रेंज आईजी और डीएसपी से मिलकर एंबुलेंस को रास्ता देने के महत्व के बारे में बताया। इस मामले को लेकर आईजी विवेकानंद सिन्हा और डीएसपी विकास ठाकुर ने कहा कि मैं एक अच्छी सामाजिक पहल के लिए ओकग्रिज के छात्रों को बधाई देता हूं।
मरीज समय पर हॉस्पिटल पहुंचे तो 70 प्रतिशत बढ़ जाती है बचने की संभावना
ओक्रीज इंटरनेशनल स्कूल के निर्देशक नलिन श्रीवास्तव ने बताया कि मार्च के अंत में क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने इस अभियान का उद्घाटन किया। कक्षा पहली से १०वीं तक के ७५० छात्र जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आगे आए। अस्पताल प्रबंधन, पीडि़तों के परिवारों, यातायात विभाग और एंबुलेंस चालकों से बता की गई, तो पता चला कि मरीज समय पर हॉस्पिटल पहुंच जाए तो उनके बचने की संभावना ७० प्रतिशत तक बढ़ जाती है।