नगरीय क्षेत्र में होने के कारण किसान इन सभी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। वार्ड क्रमांक-12 नयापारा, पातररास व 9 माझीपदर के निवासी कई पीढिय़ों से काबिज भूमि पर कृषि करते आ रहे हैं। इन भूमियों का आज पर्यन्त पट़टा प्रदान नहीं किया गया है। साथ ही इन भूमियों को नजूल भूमि घोषित कर दिया गया है।
वार्ड वासियों का कहना की है कि घोषित कृषि भूमि को पुन: वन भूमि घोषित कर उनकी काबिज भूमि का वन अधिकार पटटा प्रदान की जाए। नगर पालिका परिषद अन्तर्गत आने के कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न विकास कार्य, योजनाएं जैसे मनरेगा, भूमि समतलीकरण, मेढ़ बंधान, तालाब निर्माण, गाय-पेड़, बकरी शेड, मुर्गी शेड एनआरएलएम 15 वें वित्त अंतर्गत संचालित व्यक्तिमूलक एवं सामुदायिक मूलक कार्यो का लाभ उन्हें नहीं मिलता है।
बैठक में पटेल पुरन सिंह, बलराम नाग, माटी पुजारी सत्यनारायण सिंह, शिवचंद कतियार, आशाराम नाग, जयलाल नाग, गायता मुकुंद राना, राम प्रसाद, मंगल कश्यप, पेरमा हनुमान सिंह, सिराहा हुंगा मंडावी, कृष्णा, चिकटराम, रूपचंद गुनिया बलराम यादव, रिजपाल, रूपसिंह सहित बड़ी संख्या में तीनों वार्ड के निवासी उपस्थित थे।
भेदभाव का आरोप उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि पालिका द्वारा वार्ड क्रमांक 12 नयापारा, पातररास व 9 मांझीपदर से नगरीय क्षेत्र अंतर्गत केवल टैक्स वसूली जाती है एवं मूलभूत सुविधाओं के नाम पर सौतेला व्यवहार किया जाता है, जबकि अन्य वार्ड में नगर पालिका परिषद अंतर्गत प्राप्त होने वाले समस्त सुविधा प्रदान की जा रही है। वार्डवासियों की मांग है कि उनके वार्ड को नगर पालिका परिषद दंतेवाड़ा से अलग करते हुये नवीन ग्राम पंचायत घोषित की जाए, जिससे उन्हें मूलभूत सुविधाएं एवं शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके।