पत्रिका टीम ने यहां के हालत जानने खेत पहुंचे। यहां एक तरफ प्लांट में नजर आ रहा था, तो दूसरी तरफ खेत। कुछ दूर खेत में चलने के बाद किसान नजर आए। पूछने पर बताया कि प्लांट से पानी निकलने पर उनके खेत में पानी भर गया है, फसल बैठ गई है। इसलिए अब फसल नष्ट हो गई है। अब जानवरों को खिला सके इसके लिए कुछ धान को काटकर ले जा रहे हैं। इस स्थिति से किसानों के माथे पर चिंताएं साफ देखी जा सकती थीं। किसानों ने दिखाया खेत में घुटने तक पानी भरा हुआ है। कुछ ने तो रात को फसल काट ली थी, ताकि सुबह इसके बंडल बनाकर घर ले जाएं लेकिन पानी जमा होने से यह पूरी तरह से भीग गए हैं। फसल में कीड़े लगने शुरू हो गए है। बालियां सूखने लगी है। पानी के साथ-साथ मिट्टी भी आ रही है, जो खेतों में जमा होती जा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल किसानों को इसी परेशानी से दो चार होना पड़ता है। पिछले साल भी इसी तरह से प्लांट का पानी खेतों में छोड़ दिया गया था। इसके चलते उनका लाखों का नुकसान हो गया था। इसके बाद शिकायत भी की गई थी, आश्वासन भी मिला था। लेकिन फिर से यही परेशानी देखने को मिली।
परिवार को कैसे पालुंगा भगवान ही जानता है
किसान प्रेमनाथ ने बताया कि मैने साढ़े तीन एकड़ में फसल लगाई थी। उन्होंने इसके लिए करीब 1 लाख 80 हजार रुपए का बैंक से कर्ज ले रखा है। प्लांट के पानी की वजह से सारी फसल बर्बाद हो चुकी है। अब साल भर तक परिवार को कैसेे खिलाउंगा यह भगवान ही जानता है।
किसान केशव ने बताया कि खेत में फसल पक गई थी, इसलिए काटकर खेत में ही छोड़ दिया था। लेकिन प्लांट के पानी छोडऩे से पूरी पकी फसल बर्बाद हो गई है। इसके लिए प्रबंधन ने पहले से कोई सूचना भी नहीं जारी की थी। उनके सर पर लाखों का कर्जा है। अब तो भूखे मरने की नौबत आ गई है।
किसान लखीराम ने बताया कि छह एकड़ में मेरी फसल लगी है, फसल कटाईके समय प्लांट के पानी छोड़े जाने से 98 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। से पानी छोड़ा जा रहाहै। बैंक कर्ज भी 1 लाख 60 हजार है। अब खेत बेचना पड़ेगा। एनएमडीसी को किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
अमित पांडे ने बताया कि किसानों से बातचीत के दौरान यहां के जनपद सदस्य अमित पांडे भी खेतों में किसानो के बीच पहुंचे, उनका दर्द बांटां। उन्होंने कहा कि वे किसानो के साथ हैं। उन्हें मुआवजा दिलाने व व्यवस्था सुधारने किसानों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
नगरनार एनएमडीसी प्लांट ईई प्रशांत दास ने बताया कि एनएमडीसी को किसी भी तरह की पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई है। प्राकृतिक पानी का रिसाव हो रहा है। चुकि खेतों ओर स्लोप है, इसलिए यहां का प्राकृतिक पानी खेतों में जा रहा है। इसके लिए कलक्टर से बात कर योजना तैयार की जाएगी।