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किसान फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस आयी एक्शन मोड में, उद्यानिकी विभाग और बैंक से मांगी जानकारी

locationजगदलपुरPublished: May 21, 2019 08:08:33 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

हफ्तेभर पहले चेक बांउस (cheque bounce) होने के मामले में किसान तुलाराम मौर्य और सुखदा को न्यायालय ने जेल की सजा सुनाई थी।

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किसान फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस आयी एक्शन मोड में, उद्यानिकी विभाग और बैंक से मांगी जानकारी

जगदलपुर. किसानों से फर्जीवाड़ा (Fraud with farmers) करने वालों के खिलाफ पुलिस जांच एक्शन मोड (police in action mode) में चल रही है। बस्तर चौकी पुलिस ने अब इस मामले में उद्यानिकी विभाग (Department of Horticulture) और बैंक से डिटेल (Bank Detail) मांगे हैं, कि ड्रिप सिस्टम के लिए कितने किसानों ने लोन निकाले, कितने लोगों को सब्सिडी मिली और पैसा किस तरीके से किसानों को दिया गया।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में जाच लगातार जारी है। वहीं कुल सात एफआईआर में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और बचे तीन लोगों की भूमिका की भी जांच चल रही है आरोप पत्र जारी करते जल्द ही इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि ग्रामीण की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच चल रही है। मामले के खुलासे के बाद एक-एक कर पीडि़त ग्रामीण सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए ही पुलिस उद्यानिकी विभाग और बैंक से जानकारी ले रही है। ताकि मामले की सत्यता का पता लगाया जा सके। बताया जा रहा है कि आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।
पत्रिका ने उठाया था मामला – अब तक हुई कार्रवाई पर एक नजर
हफ्तेभर पहले चेक बांउस होने के मामले में किसान तुलाराम मौर्य और सुखदा को न्यायालय ने जेल की सजा सुनाई थी।

पुलिस गिरफ्तारी के बाद पता चला कि इन किसानों के नाम से जो लोन लिया गया था इसकी जानकारी इन्हें नहीं थी। दरअसल जैन इरिगेशन लिमिटेड के एजेंट बलराम चावड़ा और रघु सेठिया ने तुलाराम के खेत में 4.35 एकड़ में ड्रिप सिस्टम लगाने की जगह इसे सिर्फ 1.35 एकड़ में ही लगाया। इसके बाद बारी आई फील्ड ऑफीसर की उसने बिना भौतिक सत्यापन कराए ही मैनजर की साठगांठ से लोन स्वीकृत करा लिया।
लोन की रकम खाते में आने के बाद इन एजेंट बलराम और रघु नेे पहले एक लाख और 2010 में सब्सिडी की राशि जमा कराने की बात कहकर 50 हजार रुपए यानी की डेढ़ लाख रुपए निकाल लिए। इस दौरान बलराम ने किसान की चेक बुक भी अपने पास ही रख लिया था। जांच में यह सब आने के बाद पहले एजेंट बलराम चावड़ा और रघु सेठिया को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
इसके बाद उद्यानिकी विभाग के अधिकारी आरके मिश्रा और रूपेंद्र चौधरी को गिरफ्तार किया। इसके बाद अब एसबीआई के एडीबी ब्रांच के मैनेजर चंद्रशेखर राव, फील्ड ऑफीसर इम्तियाज खान और कैशियर प्रकाश जोशी के उपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
किसानों से फर्जीवाड़े (Fraud with farmers) मामले में कार्रवाई जारी है। अब तक सात लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज किया गया है। इसमें चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें दो उद्यानिकी विभाग (Department of Horticulture) से और दो सप्लाई कंपनी के एजेंट है। विभाग और बैंक से ड्रिप सिस्टम के हितग्राहियों की जानकारी ली जा रही है। आने वाले समय में आरोपियों की संख्या बढ़ भी सकती है।
-सत्यम चौहान, चौकी प्रभारी, बस्तर

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