बस्तर के ग्रीन जोन में आने से राहत तो मिली, लेकिन जगदलपुर के सभी वार्डें में रहेगी इनकी नजर हर छोटी मोटी गतिविधियों पर......
कोतवाली और बोधघाट दोनो को 24-24 वार्ड में बांटा गया है, इस नई व्यवस्था का सीधे एसपी दीपक झा करेंगे मॉनिटरिंग

जगदलपुर. बस्तर कम्युनिटी पुलिसिंग की तरफ एक और मजबूत कदम रखने जा रही है। इस नई पहल के बाद शहर के सभी वार्डों में पुलिस की 24 घंटे निगरानी रखना न केवल आसान हो जाएगा बल्कि जिम्मेदारी भी तय हो जाएगी।
पूरे प्लान की निगरानी सीधे एसपी और सीएसपी कर रहे
दरअसल बस्तर पुलिस ने शहर के सभी 48 वार्डों के लिए वार्ड पुलिस अधिकारी बनाने का फैसला लिया है। इस पुलिस अधिकारी का काम अपने वार्ड में पार्षदों और वहां के जिम्मेदार व समाजसेवियों के साथ मिलकर एक ऐसी व्यवस्था तैयार करना है जिससे की वार्ड में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सके। इसके लिए यह जवान वार्ड स्तर पर वाट्सअप ग्रुप भी तैयार करेंगे। इसी के माध्यम से हर छोटी.मोटी गतिविधियों पर पुलिस की निगरानी होगी। इसके बाद जिस तरह से शिकायत मिलेगी उसे दूर करने के लिए मॉनिटरिंग टीम को जानकारी दी जाएगी। वहीं इस पूरे प्लान की निगरानी सीधे एसपी दीपक झा और सीएसपी हेमसागर सिदार कर रहे हैं। वहीं शहर के दो थाने कोतवाली व बोधघाट को 24-24 वार्ड दिए गए हैं।
पेट्रोलिंग से लेकर अन्य कार्रवाई शामिल
सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया कि एसपी दीपक झा ने यह नई व्यवस्था तैयार की है। क्योंकि थाने के माध्यम सभी वार्डों में निगरानी रखना मुश्किल हो जाता था। कार्रवाई होती भी थी लेकिन पुलिस और आम जन के बीच एक फासला बन रहा था। इसे दूर करने के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके अंतगर्त वार्ड प्रभारी तैयार किए जा रहे हैं। जो अपने वार्ड की जिम्मेदारी 24 घंटे संभालेंगे। इसमें पेट्रोलिंग से लेकर अन्य कार्रवाई शामिल हैं।
इस व्यवस्था के लिए 48 एसआई व 24 अधिकारी रखेंगे नजर
सीएसपी ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत सभी 48 वार्डों के लिए वार्ड पुलिस प्रभारी बनाए गए हैं। लेकिन इनकी मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की टीम भी तैनात हैं। यदि किसी क्षेत्र में कार्रवाई को लेकर शिकायत आएगी तो यह मॉनिटरिंग टीम फैसला लेगी।
नई व्यवस्था के तहत ऐसे होगा पूरा काम समझिए एक नजर में
वार्ड पुलिस प्रभारी की जिम्मेदारी है कि वह वार्ड में पार्षद से लेकर समाजेसवी व व्यापारी से लेकर हर वर्ग के लोगों से मुलाकात करेंगे। वहीं जरूरत के हिसाब से एक वाट्सअप ग्रुप बनाएंगे। इसके बाद वार्ड की शिकायतें व्यक्तिगत या वाट्सअप ग्रुप के जरिए मिलती है तो अधिकारियों द्वारा बनाए गए ग्रुप व अपने सबंधित थाना प्रभारी को जानकारी देंगे। इसमें वे मामले जो थाने तक नहीं भी पहुंच पाते हैं उस मामले पर भी प्रभारी पुलिस अधिकारी चर्चा करेगा। इसके बाद मामले में यदि सबंधित थानेदार द्वारा भी कार्रवाई नहीं की जाती तो एसपी व सीएसपी कार्रवाई को लेकर फैसला लेंगे।
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