करोड़ो रुपए स्वच्छता के नाम पर खर्च
गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत केन्द्र और राज्य सरकार से मिलने वाले करोड़ो रुपए स्वच्छता के नाम पर खर्च किया जाता है। लेकिन सही मॉनिटरिंग और अनदेखी की वजह से अभियान साकार नहीं हो पताा है। कुछ ऐसा ही हाल हमारे शहर के लगभग सभी वार्डों का है। इनमें महारानी वार्ड, बालाजी वार्ड, प्रतापदेव वार्ड, अटल बिहारी वार्ड सहित अन्य वार्डों में नालियों की हालत जर्जर व बदतर हो चुकी है। इन टूटी नालियों में ही पानी रुकता जाता है। यह मच्छरों के पनपने के लिए मुफीद हो जाता है। जिनमें दलपत सागर लगा रमैया वार्ड भी शामिल हैं।
हिकमीपारा में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल
इस वार्ड के हिकमीपारा में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। जिसकी वजह से वार्ड का पानी जगह-जगह जाम हो रहा है। गंदे और रुके हुए पानी में डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं। जिनसे यहां रहने वाले लोगों में बीमारी फैलने का खतरा है। ज्ञात हो कि रमैय्या वार्ड में ही एक व्यक्ति डेंगू का शिकार हुआ है। जिसका इलाज अब भी मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में चल रहा है। यहां रहने वाले वार्डवासियों में भी डेंगू का खतरा मंडरा रहा है।
अनदेखी से समस्या
नगर निगम और प्रशासन इसकी अनदेखी कर रहे हैं। निचली बस्तियों में रहने वार्डवासियों के कहना है कि यहां महीनों तक सफाई नहीं होती है। जिसकी वजह से नालियों के जरिए दलपत सागर जाने वाली नालियांं चोक हो चुकी है। इन नालियों के आस पास यहां कचरे का ढेर लग चुका है। पाइप चोक होने से यहां जमा गंदे पानी में जानलेवा बीमारी पनप रहे हैं। वार्ड पार्षद कहना है कि हाल में हुई बरसात के बाद कचरा जमा होने से नाली चोक हो गई है। सफाई करवाने जेसीबी की मांग की गई थी, लेकिन वह नहीं मिली है।