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जिस जगह को खोदने की सहमति न ग्रामीणों ने दी न ही ग्राम सभा ने, फिर सरपंच ने दिखाई अपनी ऐसी मनमानी कि…….

locationजगदलपुरPublished: Jun 02, 2020 09:28:36 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

काजू प्लाट में तालाब खुदाई से पहले सरपंच ने तहसीलदार को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। लेकिन तहसीलदार ने कोई आदेश नहीं दिया।

जिस जगह को खोदने की सहमति न ग्रामीणों ने दी न ही ग्राम सभा ने, फिर सरपंच ने दिखाई अपनी ऐसी मनमानी कि.......

जिस जगह को खोदने की सहमति न ग्रामीणों ने दी न ही ग्राम सभा ने, फिर सरपंच ने दिखाई अपनी ऐसी मनमानी कि…….

जगदलपुर. मोंगरापाल में तालाब की खुदाई के लिए इंजीनियरों ने सर्वे कर खाली जगह आवंटन किया था। बावजूद सरपंच ने चिन्हित स्थान को छोडक़र काजू प्लाट में तालाब की खोदाई करवा दी। इतना ही नहीं काजू प्लाट में तालाब खोदाई के लिए न तो ग्राम सभा में सहमति ली गई है और न ही इसके लिए ग्रामीणों ने ऐसा कहा है। सरपंच दुलाब सूर्यवंशी का कहना है कि ग्रामीणों के सहमति से तालाब की खुदाई करवाया गया है। वहीं दूसरी ओर सरपंच की मनमानी को लेकर कुछ दिनों पहले ही ग्रामीण कलेक्टर से लिखित में शिकायत भी किए है।

तहसीलदार से भी नहीं मिली थी अनुमति
गौरतलब है कि काजू प्लाट में तालाब खुदाई से पहले सरपंच ने तहसीलदार को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। लेकिन तहसीलदार ने कोई आदेश नहीं दिया। इसके बाद सरपंच ने अपनी मनमानी करते हुए काजू प्लाट में ही तालाब की खुदाई करवा दिया। गांव की महिलाएं इसी प्लाट का काजू बेचकर अपनी आय अर्जन करती थी। अब तालाब की खुदाई होने के बाद महिला समूह का आय का स्त्रोत ही बंद हो गया। सरपंच की मनमानी के चलते काजू के फलदार पेड़ बलि चढ़ गए।

जिम्मेदार अधिकारियों ने भी नहीं ली सुध
काजू प्लाट में बिना अनुमति के 35 फीट लंबा व 60 फीट चौड़ा तालाब खुद गया और इधर जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। ग्राम सचिव, रोजगार सहायक और मनरेगा के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई पहल ही नहीं किया। जो समझ से परे है।

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