तहसीलदार से भी नहीं मिली थी अनुमति
गौरतलब है कि काजू प्लाट में तालाब खुदाई से पहले सरपंच ने तहसीलदार को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। लेकिन तहसीलदार ने कोई आदेश नहीं दिया। इसके बाद सरपंच ने अपनी मनमानी करते हुए काजू प्लाट में ही तालाब की खुदाई करवा दिया। गांव की महिलाएं इसी प्लाट का काजू बेचकर अपनी आय अर्जन करती थी। अब तालाब की खुदाई होने के बाद महिला समूह का आय का स्त्रोत ही बंद हो गया। सरपंच की मनमानी के चलते काजू के फलदार पेड़ बलि चढ़ गए।
जिम्मेदार अधिकारियों ने भी नहीं ली सुध
काजू प्लाट में बिना अनुमति के 35 फीट लंबा व 60 फीट चौड़ा तालाब खुद गया और इधर जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। ग्राम सचिव, रोजगार सहायक और मनरेगा के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई पहल ही नहीं किया। जो समझ से परे है।