लोगों ने विस्तार से अपनी बात रखी
पत्रिका ने इस अभियान को लेकर शहर के युवाओं और महिलाओं से बात की। साथ ही यह जानने की कोशिश की स्वर्णिम भारत बनाने में प्लास्टिक किस तरह अवरोध बन रहा है। समाज और देश के लिए प्लास्टिक किस तरह समस्या बन गया है। वहीं इस परिचर्चा का सबसे प्रमुख उद्येश्य इस समस्या से निपटने के लिए क्या समाधान हो सकता है, इस विषय पर सभी लोगों ने विस्तार से अपनी बात रखी।
समाधान : सरकार को चाहिए कि वे प्लास्टिक बेचने वालों की जगह इसे बनाने वालों पर कार्रवाई करे। जब वे ही बंद हो जाएंगे तो यह बाजार में ही नहीं आएगा। वहीं लोगों का जागरूक करना भी जरूरी है। पहली बार लगा कि यह कितनी बड़ी समस्या है। इसके लिए लोगों के घर-घर जाकर उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।