इस तरह से अभ्यर्थियों को गुमराह करने की साजिश रची गई
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच दशमी बाई बेलसरिया को तहसीलदार जगदलपुर सुंदरलाल धृतलहरे ने चुनाव में जिताने की नीयत से दोनों अभ्यर्थी पूरन भारद्वाज और उदय नाग को गुमराह रखा। यहां तक तहसीलदार ने अंतिम समय तक एआरओ लोकेश खापर्डं को भी अभ्यार्थियों के संबंध में किसी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। इस बीच दोनों अभ्यर्थी स्कू्रटनी के बाद नामांकन पत्र की स्थिति को लेकर लगातार एआरओ और तहसीलदार के चक्कर काटते रहे। तहसीलदार ने 7 जनवरी को स्क्रूटनी प्रक्रिया के बाद भी विनिश्चिय प्रमाण पत्र में अभ्यार्थियों के पात्र-अपात्र की स्थिति भी स्पष्ट नहीं की। इस तरह से अभ्यर्थियों को गुमराह करने की साजिश रची गई। इसमें पूर्व सरपंच की भूमिका व एक बड़े कांग्रेसी नेता के शामिल होने की चर्चा है। यह आरोप अभ्यर्थियों ने भी लगाया है। तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई होने का अभ्यर्थियों ने स्वागत किया है।
रात दो बजे तक एसडीएम ने की सुनवाई
कलेक्टर अय्याज तंबोली के आदेश के बाद एसडीएम जीआर मरकाम ने अभ्यर्थी की शिकायत पर रात को सुनवाई शुरू की। गुरुवार की रात १० बजे से २ बजे तक एसडीएम ने अभ्यर्थियों व एआरओ की सुनवाई करने के बाद तहसीलदार को चुनाव आयोग के गाइड लाइन का पालन कर गलत प्रक्रिया के तहत दोनों अभ्यार्थियों को चुनाव से बाहर करने का दोषी पाया। जिसका सीधा लाभ सरपंच प्रत्याशी दशमी बाई बेलसरिया को मिल रहा था और वह इस चुनाव में निर्विरोध प्रत्याशी के तौर पर जीत चुकी थीं। जिसे नाम वापसी के दिन रात ९ बजे एसडीएम ने जांच के उपरांत निरस्त किया और उक्त मामले का जांच प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया।
चार वार्ड पंचों का निर्विरोध निर्वाचन स्थगित
कुम्हरावंड पंचायत में सरपंच समेत वार्ड के चार पंचों को तहसीलदार ने निर्विरोध निर्वाचित किया था। एसडीएम जीआर मरकाम ने वार्ड नंबर 2,4,5 और 6 के निर्विरोध पंच प्रत्याशियों के निर्वाचन को स्थगित करते हुए सभी वार्डों में चुनाव बरकरार रखा है।
गांव वाले बोले- पैसे के दम पर चुनाव जितने का प्रयास
कुम्हारावंड के ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच दशमी बाई बेलसरिया पर पैसे के दम पर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि दशमी बेलसरिया ने पूर्व में सरपंच रहते हुए पल्ली में रेलेवे जमीन के नाम पर करोड़ों रुपए का मुआवजा गबन किया था। इन रुपयों के बल पर तहसीदार को खरीदकर चुनाव निर्विरोध जितने की साजिश की गई थी, लेकिन यह योजना विफल साबित हुई।
जनपद सीईओ को भी नहीं दी जानकारी
तहसीदार ने कुम्हारावंड ग्राम पंचायत में निर्विरोध प्रत्याशी की जानकारी जनपद पंचायत सीईओ ओम प्रकाश उइके को भी देना उचित नहीं समझा। सीईओ ने बताया कि जनपद पंचायत क्षेत्र में ७१ पंचायत हैं, जिनमे कोलावल पंचायत के सरपंच को निर्विरोध जीत मिली थी। उक्त जानकारी अंतिम दिन ९ जनवरी को अभ्यार्थियों से मिली थी।