नक्सलियों की संख्या में इजाफा
जहाँ कभी 150 मंदिर हुआ करते थे। आज सिर्फ पांच या छह मंदिर बचे हैं, जिसमे से अधिकतर ख़त्म होने के इन्तजार में हैं। इंद्रावती नदी के साथ साथ ये शहर बसा हुआ है। जिसे बस्तर की प्राणदायिनी नदी भी कहा जाता है। यहीं से नक्सलियों के गढ़ शुरू हो जाता है। जहां देखा जा सकता है कि, पुरात्तव संरक्षण में रखी हुई मंदिरें खत्म होती जा रही है वहीं नक्सलियों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।