जगदलपुरPublished: Apr 24, 2022 11:25:36 pm
मनीष गुप्ता
कांगेर वैली को वर्ल्ड हेरिटेज घोषित के लिए प्रस्तावित किया गया है पर इस नेशनल पार्क में बढ़ रही मानव दखल के कारण यहां के कई दुर्लभ प्रजाति के मगरमच्छ वन्य जीव एव वनस्पतियो का वजूद अब संकट में आ गया है आईयूसीएन ने यहां पाए जाने वाले मगरमच्छ क्रोकोडीलस पोरोसस ने इसे संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची की एलसी श्रेणी में रखा है।
दुर्लभ वन्यजीव कर रहे पलायन
मनीष गुप्ता
जगदलपुर। जैव विविधता के लिए विख्यात कांगेर वैली नेशनल पार्क में बढ़ रहे मानव दखल के कारण वन्य प्राणियों का हैबिटाट प्रभावित हो रहा है। इससे इस पार्क के दुर्लभ प्रजाति के वन्य- जीवों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। आलम यह है कि छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के साथ-साथ मगरमच्छ की रेयरेस्ट प्रजाति क्रोकोडीलस पोरोसस की संख्या लगातार घटती जा रही है। कुछ जीव तो पार्क से विलुत्त तक हो गए हैं। नेशनल पार्क के डायरेक्टर धम्मशील इंदुबाइ संपत भी स्वीकार करते हैं कि आबादी वाले इलाके से सटे होने के कारण लोग पार्क के अंदर घुस आते हैं और वे यहां मत्स्याखेट करते हैं। इसे रोकने के लिए गश्त बढ़ाई जा रही है । साथ ही ग्रामीणों को समझाईश भी दी जा रही है कि वे मछली न पकड़ें। उन्होंने बताया कि वैली में मगरमच्छ के संरक्षण के लिए गुजरात से विशेषज्ञ बुलाए जाने प्रयास जारी है। गौरतलब है कि बस्तर जिले के इस इकलौते राष्ट्रीय उद्यान को वर्ल्ड हेरीटेज घोषित करने की प्रक्रिया विचाराधीन है। शिकार एवं अन्य अवैध गतिविधियां इस प्रक्रिया में बाधक बन सकती हैं।