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नक्सल हिंसा पीड़ित सहित शहीद परिवार के 33 बच्चों का भविष्य दांव पर

locationजगदलपुरPublished: Jul 01, 2022 07:56:14 pm

Submitted by:

Suresh Das

बाल भविष्य सुरक्षा भाग -2 निष्ठा हुई बंद, नक्सल पीड़ित परिवारों को बच्चो के भविष्य की सताने लगी चिंता स्कूल प्रबंधन ने बच्चों का प्रवेश लेने के लिए खड़े किए हाथ, राजनांदगांव सहायक आयुक्त ने योजना बंद होने का दिया हवाला नारायणपुर। नक्सल हिंसा पीड़ित शहीद परिवार के बच्चों गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शासन ने बाल भविष्य सुरक्षा भाग- 2 निष्ठा घटक योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवार के बच्चों को उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश देंकर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान

नक्सल हिंसा पीड़ित सहित शहीद परिवार के 33 बच्चों का भविष्य दांव पर

नारायणपुर जिले के सहायक आयुक्त विकास विभाग से मिलने पहुंचे अभिभावक।

इस योजना के तहत नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवार के चयनित 33 बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सहायक आयुक्त नारायणपुर के माध्यम से राजनांदगांव भेजा गया था। लेकिन राजनांदगांव के उत्कृष्ट विद्यालय सेंटर विसेंट पोलोटी इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने बच्चों के प्रवेश को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं व बच्चों को प्रवेश देने से मना कर दिया है। इससे नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवारों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता संताने लगी है।
वही राजनादगांव के सहायक आयुक्त ने योजना बंद होने के कारण स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को प्रवेश देने के लिए मना करने की बात कही जा रही है। इससे नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवार के 33 बच्चों को भविष्य दाव पर लगते नजर आ रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है।
गौरतलब है कि नारायणपुर जिले के 33 बच्चे 2017 से उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर शासकीय छात्रावास में आवासीय सुविधा का लाभ लेकर अपना भविष्य संवारने में लगे हुए थे। लेकिन 2019 में कोरोना काल के चलते स्कूल बंद होने के कारण बच्चो को वापस अपने गृहग्राम भेज दिया था। इसके बावजूद कोरोना काल मे 2 साल 33 बच्चो की शिक्षा ऑनलाइन के माध्यम से चल रही थी। लेकिन कोरोना काल खत्म होने के बाद सभी स्कूलों का संचालन इस सत्र से शुरू होगा गया है। इससे बाल भविष्य सुरक्षा भाग-2 निष्ठा घटक योजना के तहत उत्कृष्ट विद्यालयमें शिक्षा ग्रहण करने वाले 33 बच्चों को सहायक आयुक्त नारायणपुर के माध्यम से 4 दिन पूर्व राजनादगांव भेजा गया था। सभी छात्र छात्रावास में निवासरत थे। लेकिन उत्कृष्ट विद्यालय सेंटर विसेंट पोलोटी इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने बच्चों का प्रवेश लेने से मना कर देने से छात्रावास प्रबंधन ने 4 दिन बाद गुरुवार को बच्चो को वापस अपने गृह ग्राम भेज दिया है। इससे नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवारों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता संताने लगी है। शासन की बाल भविष्य सुरक्षा भाग-2 निष्ठा घटक योजना पर कोरोना काल के बाद ग्रहण लगने से बंद होने के कारण नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवार के 33 बच्चों का भविष्य दांव पर लगते नजर आ रहा है।
सवालों के घेरे में आदिवासी विकास विभाग की कार्यप्रणाली
बाल भविष्य सुरक्षा भाग-2 निष्ठा घटक योजना के तहत राजनादगांव के उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले 33 बच्चों को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से 4 दिन पूर्व शिक्षा ग्रहण करने के लिए राजनादगांव भेजा गया था। लेंकिन बच्चो के राजनादगांव पहुचने के बाद योजना बंद होने की जानकारी राजनादगांव सहायक आयुक्त द्वारा दी जा रही है। इससे नारायणपुर जिले सहायक आयुक्त विकास विभाग को योजना की जानकारी नहीं होना समझ से परे है। इस योजना की जानकारी लिए बिना सहायक आयुक्त द्वारा बच्चो राजनादगांव भेजना कई सवालों को जन्म देते नजर आ रही। इससे नारायणपुर सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में नजर आती है। इस मामले को लेकर सहायक आयुक्त से जानकारी ली गई, तो वो इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए।
योजना बंद होने से बच्चो का नहीं हो पाया प्रवेश
नक्सल हिंसा सहित शहीद परिवारो ने अपनी व्यथा मीडिया को बताते हुए राजनादगांव सहायक आयुक्त का नंबर प्रदान किया था। इससे राजनादगांव सहायक आयुक्त एसके वाहने ने मोबाइल पर चर्चा में बताया कि योजना बंद होने से उत्कृष्ट विद्यालय सेंटर ने बच्चो का एडमिशन नही लेने की बात कही है।

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