लड़की ने कहा, इतना सबकुछ कर ही लिया है तो जान से भी मार दे, फिर जो हुआ पढ़ सन्न रह जाएगें
पिता सोमारू राम ने घटना की जानकारी मीडिया के सामने रखी। पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। इसके बाद पुलिस ने हत्या वाले एंगल से जांच शुरू

जगदलपुर . बुरुगुम थाना क्षेत्र में 17 नवंबर को गायत्री की हत्या के मामले में पुलिस को 23 दिन बाद आखिरकार मुख्य आरोपी तक पहुंच ही गर्ई। पुलिस पूछताछ में बड़े भाई धनसाय ने कबूल किया कि गायत्री की हत्या उसके भाई यानी गायत्री के मंगेतर महेंद्र ने दुष्कर्म के बाद की।
एएसपी लखन पटले ने बताया कि गायत्री की हत्या के बाद जिस तरह परिवार वालों ने महेंद्र पर आरोप लगाया था, उसके बाद पुलिस लगातार इस मामले की तफ्तीश में जुट गई थी। पुलिस ने जब महेंद्र से शुरूआती पूछताछ की तो उसे शक हुआ था। शॉर्ट पीएम में भी ज्यादा कुछ सुराग हाथ नहीं लगा था। इसके बाद भी लगातार पूछताछ महेंद्र व उसके भाई से लगातार पूछताछ की जा रही थी। शक के आधार पर महेंद्र पर 306 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था। इसी बीच जब आरोपी महेंद्र के भाई धनसाय पर पुलिस ने दबाव बनाया तो वह आखिरकार टूट गया और उसने गायत्री की हत्या महेंद्र के साथ करने की बात कबूल की। अब पुलिस इन पर 302 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने बदला जांच का एंगल-गायत्री की मौत के बाद जब परिवार वालों ने गांव में हंगामा किया तो पीएम करवाने शव को मेकॉज लाया गया। इस समय तक पुलिस गायत्री की मौत को हत्या बता रही थी। जगदलपुर पहुंचे गायत्री के पिता सोमारू राम ने पूरी घटना की जानकारी मीडिया के सामने रखी थी। पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। इसके बाद ही पुलिस ने हत्या वाले एंगल से जांच शुरू की और हत्यारे तक पहुंची। एएसपी लखन पटले ने बताया कि पूछताछ में धनसाय ने कबूल किया कि 17 नवंबर की दोपहर महेंद्र उसे परिवार के दूसरे मकान में लेकर गया था। यहां उसका शारीरिक शोषण किया।
इसके बाद जब विवाद बढ़ा तो गायत्री ने कहा कि इतना कुछ कर दिया है तो जान से भी मार दे। इसके बाद वे उसके गले में फंदा डाला और पेड़ की डंगाल से फंदे को दूसरे तरफ डालकर खींच दिया, जिससे उसने मौके पर ही दम दोड़ दिया।
यह है मामला
17 नवंबर 2017 की शाम गायत्री यादव (22) मंगेतर महेंद्र के साथ घूमने गई थी। देर रात तक घर नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई। इस बीच रात करीब दो बजे महेंद्र के बड़े भाई धनसाय ने परिजनों को फोन पर बताया कि गायत्री उनके घर के पीछे खड़ी है, जाकर मिल लो। परिवार वाले जब मौके पर पहुंचे तो यहां उन्हें गायत्री का पेड़ के नीचे शव मिला।
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