युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता सोमवार की दोपहर करीब 1 बजे कांग्रेस भवन से रैली की शक्ल में निकले। करीब 400 की संख्या में कार्यकर्ता प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए संजय मार्केट चौक से चांदनी चौक होते हुए मिशन ग्राउंड पहुंचे। यहां से आगे बढ़ते हुए वे कलेक्टोरेट के मेन गेट पर पहुंचे। जहां पहले से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। कार्यकर्ता भी बिना रूके कलक्टोरेट परिसर में घुसने की कोशिश पर मौजूद जवान उन्हें रोक दिया। इसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया, और जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ देर बाद यहां एसडीएम एसआर कुर्रे पहुंचे और गेट के पास उन्हें कांग्रेसियों ने ज्ञापन सौंपा।
धान 2100 रुपए प्रति क्ंिवटल के दाम पर लेने, हर किसान को बोनस देने, नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण रोकने, झीरम घटना की सीबीआई जांच, नानगुर को अलग ब्लॉक बनाने, आउटसोर्सिंग बंद करने, मेकॉज की व्यवस्था दुरूस्त करने व आधुनिक उपकरण लाने साथ ही पेट्रोल व डीजल के बढ़े दामों को वापस लेने और कावापाल के ग्रामीणों पर बनाए मामले को वापस लेने की मांग की।
कलक्टोरेट का घेराव के लिए पहुंचे कांग्रेसी कार्यकर्ता जैसे ही मेन गेट के पास पहुंचे उनको रोकने सुरक्षा बल प्रयास करने लगे। लेकिन कांग्रेसी भी जबरदस्ती घुसने के प्रयास में थे। इस बीच दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक झूमा झपटी चली। इसके बाद मामला शांत हुआ और उनके प्रतिनिधिमंडल को कलक्टर से मुलाकात करने पर सहमति बनी।
कार्यकर्ताओं को अंदर घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने वरूण वाहन भी लेकर पहुंची थी। कांग्रेसी व पुलिस के बीच झूमा झपटी के दौरान सीएसपी निमेश बरैया ने पानी नहीं चालू करने की बात कहकर आगे बढ़े लेकिन वाहन चालक ने इसके उलट पानी की बौछार शुरू कर दी। इसमें वे और जवान भीग गए। इस पर मजाकिया अंदाज में उन्होंने ड्राइवर को चिल्लाते हुए कहा कि पागल है क्या। इसके बाद आंदोलन का माहौल हंसी मजाक वाला हो गया।