बसों में सीसी टीवी कैमरा नहीं है। इसके बाद भी शिक्षा विभाग निरीक्षण दल बनाकर जांच के आदेश दे देता है, लेकिन किसी भी स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। 2016 में शिक्षा विभाग ने 40 विभागों को नोटिस दिया था और जवाब भी मांगा था, लेकिन इसके बाद भी किसी बड़े निजी स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जांच कागजी फाइलों में बंद रह गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र झा ने बताया कि सभी मध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य को निर्देश जारी कर दिया गया है। सभी स्कूल पोक्सो बॉक्स स्थापित करेंगे। विद्यार्थियों को यौन उत्पीडऩ और बच्चों की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से प्रबंध किया जाना है। शालाओं में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है। जिससे सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाया जा सके। सभी शालाओं में पोक्सो बॉक्स लगाना है।
शहर के किसी भी शासकीय स्कूल में सीसी टीवी कैमरा नहीं लगे हैं और न ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए गार्ड तैनात किए गए हैं। एक तरफ शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर इनके अभाव होने पर कार्रवाई करता है, वहीं दूसरी ओर शासकीय स्कूलों में इसकी सुविधाएं भी मौजूद नहीं है। निजी स्कूलों की इस तरह की लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन व जिला शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है। इसके अलावा स्कूल संचालक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
विद्या ज्योति स्कूल के प्राचार्य फादर जोमोन ने बताया कि हम आउटसाइडर को अंदर आने नहीं देते हैं, हमारे स्कूल में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरा है, स्टाफ का भी पुलिस वेरिफिकेशन कराने की सोच रहे हैं।
बाल विहार स्कूल के प्राचार्य पीपी कुकरेती ने बताया कि स्कूल स्टॉफ में सभी को नोटिस जारी किया गया है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
बस्तर कलेक्टर धनंजय देवांगन ने बाताया कि पालकों को बच्चों को शासकीय स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए जांच कमेटी बनाई जाएगी और स्कूलों का जांच किया जाएगा।