राज्यपाल को सौंपेंगे कागजात
जांच दल में शामिल कुलपति द्वय प्रो अरुणा पलटा व प्रो एडीएन वाजपेयी ने मीडिया से संक्षिप्त चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से कथित कम्यूटर खरीदी से संबंधित पेपर्स लिए गए हैं। इन सभी को वे राज्यपाल को सौंपेंगे। वहां पर बाद की प्रक्रिया होगी। टीम ने बताया कि कम्प्यूटर सप्लाई का भुगतान लंबे समय से नहीं होने की शिकायत पर उन्हें जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है। पत्रिका के सवाल कि इनमें से अधिकतर या तो सेवानिवृत्त हो गए हैँ या फिर अन्यत्र स्थानांतरित हैं। टीम ने कहा कि आवश्यक होगी तो उनसे बयान लिए जाएंगे।
जांच दल में शामिल कुलपति द्वय प्रो अरुणा पलटा व प्रो एडीएन वाजपेयी ने मीडिया से संक्षिप्त चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से कथित कम्यूटर खरीदी से संबंधित पेपर्स लिए गए हैं। इन सभी को वे राज्यपाल को सौंपेंगे। वहां पर बाद की प्रक्रिया होगी। टीम ने बताया कि कम्प्यूटर सप्लाई का भुगतान लंबे समय से नहीं होने की शिकायत पर उन्हें जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है। पत्रिका के सवाल कि इनमें से अधिकतर या तो सेवानिवृत्त हो गए हैँ या फिर अन्यत्र स्थानांतरित हैं। टीम ने कहा कि आवश्यक होगी तो उनसे बयान लिए जाएंगे।
विवि के पास क्रय आदेश नहीं, पत्रिका के पास हैँ सभी सबूत
विवि ने साल 2916 में रायपुर की फर्म साइबर नेट से 65 कमप्यूटर सेट खरीदी किए थे। प्रशासनिक व तकनीकी वजह से इसका भुगतान रोक दिया गया था। इस बात से खफा संचालक ने राज्यपाल के यहां शिकायत की थी। राज्यपाल ने दो सदस्यीय टीम को सभी पहलुओं की जांच करने कहा है। इधर टीम को जो पेपर्स विवि ने उपलब्ध कराए हैं। उसमें क्रय आदेश नहीं होने की जानकारी मिल रही है। पत्रिका ने अपने सूत्रों के जरिए उक्त क्रय आदेश को हासिल किया है। विवि के पत्र क्रमांक 635 दिनांक 16 मार्च 2016 को एचसीएल इंफोसिस्टम को जारी क्रय आदेश में संबंधित को कम्पयूटर सप्लाई करने कुलसचिव एसपी तिवारी के हस्ताक्षर वाला पत्र पत्रिका के पास है।
विवि ने साल 2916 में रायपुर की फर्म साइबर नेट से 65 कमप्यूटर सेट खरीदी किए थे। प्रशासनिक व तकनीकी वजह से इसका भुगतान रोक दिया गया था। इस बात से खफा संचालक ने राज्यपाल के यहां शिकायत की थी। राज्यपाल ने दो सदस्यीय टीम को सभी पहलुओं की जांच करने कहा है। इधर टीम को जो पेपर्स विवि ने उपलब्ध कराए हैं। उसमें क्रय आदेश नहीं होने की जानकारी मिल रही है। पत्रिका ने अपने सूत्रों के जरिए उक्त क्रय आदेश को हासिल किया है। विवि के पत्र क्रमांक 635 दिनांक 16 मार्च 2016 को एचसीएल इंफोसिस्टम को जारी क्रय आदेश में संबंधित को कम्पयूटर सप्लाई करने कुलसचिव एसपी तिवारी के हस्ताक्षर वाला पत्र पत्रिका के पास है।
पुलिस ने भी खारिज कर दिया था एफआईआर कम्यूटर की कथित खरीदी को लेकर उठे बवाल के तत्काल बाद प्रभारी कुलसचिव हीरालाल नायक व एसपी तिवारी ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें एक संविदा सहायक प्राध्यापक पर पूरा आरोप मढ़ दिया था। पहुंच व दबाव के कारण पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज किया। बाद में आरंभिक जांच में ही पुलिस को पता चल गया कि सारा मामला कमीशन के बंटवारे का है तो उसने एफआईआर को ही खारिज कर दिया। यह जानकारी भी जांच टीम में शामिल एडीएन वाजपेयी ने दी।
इधर कम्यूटर सेट की गुणत्ता पर उठ रहे सवाल
इधर कम्यूटर सेट की गुणत्ता पर उठ रहे सवाल
विश्वविद्यालय तक जो कम्प्यूटर पहुंचे हैँ उसकी गुणवत्ता शुरुआत से ही संदेहास्पद रहीं है। कंपनी के नुमाइंदे इसके भुगतान को लेकर बेहद आक्रामक थे। वे आनन फानन में इसका भुगतान चाहते थे। मामले में पेंच आने की वजह से उनका भुगतान अटक गया। छह साल तक कमरे में बंद रहने से अब उनके कंफीगरेशन को अनुपयोगी भी बताया जा रहा है। छात्र संगठन का कहना है कि ये कम्प्यूटर अब अपग्रेड होंगे या नहीं इस पर भी संशय है। ऐसी हालत में इतनी बड़ी रकम का भुगतान छात्र हित में नहीं है।