जगदलपुर

जिसे पुलिस नक्सली बता मुठभेड़ में मार दिया, उसका भाई बोला.. मेरा भाई नक्सली नहीं…

जिस भरंडा मुठभेड़ को पुलिस अपनी बड़ी सफलता बता रही थी उसके २४ घंटे के अंदर ही इस पर सवाल उठने लगे हैं। घटना के बाद सोमवार को मारे गए कथित माओवादी के परिवार वाले मुख्यालय पहुंचे और इस मुठभेड़ के सबंध में तथ्य बताये। परिजनो ने बताया कि वे खुद माओवाद पीड़ित है। मृतक का बड़ा भाई डीआरजी में कार्यरत है। मृतक खुद लंबे समय से पुलिस में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा था।

जगदलपुरJan 25, 2022 / 12:23 am

मनीष गुप्ता

भरंडा में हुए फर्जी मुठभेड़ की शिकायत करते हुए ग्रामीण।,भरंडा में हुए फर्जी मुठभेड़ की शिकायत करते हुए ग्रामीण।,भरंडा में हुए फर्जी मुठभेड़ की शिकायत करते हुए ग्रामीण।

जगदलपुर. परिजनो ने बताया कि मृतक मानू नुरेटी रविवार की शाम जंगल मे चिडिय़ा मारने के लिए गया हुआ था। जिसने 10 बजे तक वापस आने की बात बताई थी। लेकिन रात को नही लौटने के कारण आस-पास घर मे खोजबीन की थी। लेकिन नही मिल पाया था। सुबह होते ही किसी को जंगल मे पुलिस मुठभेड़ होने की बात बताई। इसके बाद पता चला कि मानू नुरेटी को मुठभेड़ में नक्सली बता कर मार दिया।

२०१४ में नक्सली दंश सहकर वापस घोटिया से पलायन कर भरंडा पहुंचा था परिवार
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर भरण्डा में निवासरत रेनुराम नुरेटी का परिवार मूलत: घोटिया का है। वर्ष 2014 में नक्सलियों का दंश झेलकर रेनुराम नुरेटी का परिवार भरण्डा में आकर जीवन यापन करने में लगा हुआ था। परिवार का कहना है कि इसी दौरान रेनुराम नुरेटी पुलिस में शामिल होकर गोपनीय सैनिक का कार्य कर रहा था। वही रेनुराम की पत्नी मनोरा, बेटी अनिता नुरेटी नगर के गुडरी पारा में निवास करते थे। वही रेनुराम नुरेटी का छोटा भाई मानू नुरेटी एवं उसकी पत्नी मानबती भरण्डा गांव में निवास कर खेती किसानी कर अपना जीवन यापन करने में लगे हुए थे। इससे रेनुराम नुरेटी ने भरण्डा गांव में मकान बनाने निर्णय लिया था। इससे रेनुराम नुरेटी की पत्नी मनोरा एव बेटी अनिता भरण्डा गांव में निवासकर ईटा बनाने के कार्य मे जुटे हुए थे। वही रेनुराम नुरेटी जनवरी 2021 में नव आरक्षक के रूप पदोन्नत होकर डीआरजी में शामिल होने के बाद कडेमेटा में पदस्थ होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है।
पत्रिका को परिवार ने जैसा बताया….
बस्तर फाइटर के लिए फार्म भी भरा है
मानु नुरेटी ने बस्तर फाइटर में भर्ती होने के लिए फार्म भरकर प्रति दिन दौ? लगाने का कार्य कर रहा था। बस्तर फाइटर में शामिल होने वाला कैसे नक्सली हो सकता है। वही उसका ब?ा भाई खुद डीआरजी का जवान है।
मानबती नुरेटी, मृतक की पत्नी


हम नक्सल पीडि़त, मैं खुद पुलिस में
मेरा परिवार खुद नक्सल पीडि़त होने के कारण 2014 से घोटिया गांव छोड़ दिया था। मैं खुद पुलिस में काम करता हूं। वह कैसे नक्सली हो सकता है। पुलिस मेरे भाई को नक्सली बता रही है, वो पूरी तरह गलत है।
रेनुराम नुरेटी, मृतक का बड़ा भाई


आरोप लगते रहे हैं
डीआरजी की टीम एरिया डोमिनेशन के लिए गई हुई थी। इसी दौरान भरण्डा छोटे पुलिया के करीब पार्टी पर फायरिंग की गई। जवाबी फायरिंग में एक नक्सली मारा गया।। मृतक के परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोप गलत है। नक्सली संगठन ऐसी घटना के बाद परिजनों बरगला देते है। इस तरह के आरोप पुलिस पर लगते हैं।
नीरज चंद्राकर, एएसपी नारायणपुर
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