script20 साल तक आवेदन देकर थक चुके थे ग्रामीण, जब खुद सड़क बनाने की ठानी तो प्रशासन ने डाला जेल में | The rural people were tired of applying for 20 years when the building | Patrika News

20 साल तक आवेदन देकर थक चुके थे ग्रामीण, जब खुद सड़क बनाने की ठानी तो प्रशासन ने डाला जेल में

locationजगदलपुरPublished: Oct 07, 2017 10:04:10 am

Submitted by:

ajay shrivastav

गांव वालों ने मिलकर तय किया की वे सड़क व बिजली के लिए खुद अपनी लड़ाई लड़ेगे। गांव वालों ने 13 सितंबर को सड़क बनाने के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी।

रशासन ने डाला जेल में

गांव वालों ने मिलकर तय किया की वे सड़क व बिजली के लिए खुद अपनी लड़ाई लड़ेगे। गांव वालों ने 13 सितंबर को सड़क बनाने के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी।

जगदलपुर. 20 साल से माचकोट क्षेत्र के कावापाल के ग्रामीण सड़क व बिजली की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। विकास की चाह में गांव वालों ने मिलकर यहां के 763 पेड़ काट डाले। वन विभाग ने पेड़ काटने के आरोप में एक ही गांव के 56 लोगों को हिरासत में लेकर सभी पर लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। शनिवार को इन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया।
सड़क व बिजली के लिए खुद अपनी लड़ाई लड़ेगे
हिरासत में लिए गए ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले करीब 20 साल से अपने गांव में सड़क व बिजली की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई बार कलक्टर से लेकर डीएफआे व स्थानीय अधिकारियों के पास पहुंचे लेकिन उनकी बात किसी ने भी नहीं सुनी। इसलिए पूरे गांव वालों ने मिलकर तय किया की वे सड़क व बिजली के लिए खुद अपनी लड़ाई लड़ेगे। इसके लिए पूरे गांव वालों ने 13 सितंबर को सड़क बनाने के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। इधर 763 पेड़ों की कटाई होने जाने के बाद प्रशासन को जानकारी मिली, कार्रवाई के लिए प्रशासन ने जांच शुरू की। गांव के लोगों को आरोपी बनाया। माचकोट रेंजर मनीष कश्यप ने जांच कर कावापाल के 56 लोगों को आरोपी पाया।
लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत
उन्होंने इस मामले में आरोपियों पर लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए (जो कि पुलिस द्वारा किया जाता है) परिमिशन मांगी। इस पर उन्हें जल्द ही अनुमति मिल भी गई और सभी आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
मेकॉज में रात तक चलती रही स्वास्थ्य की जांच
जेल भेजने के पहले गिरफ्तार सभी 56 आरोपियों को स्वास्थ्य जांच के लिए मेकाज लाया गया। यहां डॉक्टर रात करीब 10 बजे तक जांच करते रहे। यहां वन विभाग के अधिकारी आरोपियों को पुलिस के सुपूर्द करने के लिए कार्रवाई में जुटे रहे। शुक्रवार को सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। तब तक एक ही गांव के सभी 56 आरोपी जेल में रहेंगे।
राजीनामा के बहाने बुलाकर बनाया केस
आरोपी गेनोराम बघेल ने बताया कि पेड़ो को काटने के मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी उनके गांव पहुंचे थे, और पूछताछ करने लगे। जब कोई नहीं निकल रहा था, तो विभाग ने इस मामले में राजीनामा करना है कहकर बुलाया और फिर मामला बना दिया।
सड़क के लिए जेल भेजा, पानी के लिए कहीं फांसी न दे सरकार
ग्रामीणों से बात करतो देख सोनधर बघेल, गोपाराम बघेल व मोनू बघेल समेत अन्य लोग पहुंचे और कहा कि 20 साल से मांग पूरी नहीं की। गांव वाले एमरजेंसी के वक्त समय पर अस्पताल पहुंच सके इसलिए कार्रवाई सड़क बनाने पेड़ो को काटा। उनके यहां पानी की भी समस्या है, उन्होंने कहा कि पानी के लिए कुंआ खोदने या अन्य काम करने पर सरकार कहीं फांसी न दे दे इसका डर है।
करीब एक करोड़ का नुकसान
माचकोट के रेंजर एवं प्रशिक्षु आईएफएस मनीष कश्यप ने बताया कि गांव वालों ने सड़क निर्माण के लिए 763 पेड़ो को काट डाला है। इससे विभाग को 1 करोड़ का नुकसान हुआ है। सभी के खिलाफ लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें 56 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया गया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो