जगदलपुर

शौचालय, पेयजल और विद्युत के बिना ९८४ आंगनबाड़ी केंद्र हैं किराए के जहां गढ़ा जा रहा बच्चों का भविष्य

बस्तर जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढऩे वाले सैकड़ों बच्चों को किराए के जर्जर भवन व खुले आसमान के नीचे गढ़ रहे हैं।

जगदलपुरMay 14, 2019 / 03:17 pm

Badal Dewangan

शौचालय, पेयजल और विद्युत के बिना ९८४ आंगनबाड़ी केंद्र हैं किराए के जहां गढ़ा जा रहा बच्चों का भविष्य

जगदलपुर. बस्तर जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढऩे वाले सैकड़ों बच्चों को किराए के जर्जर भवन व खुले आसमान के नीचे गढ़ रहे हैं। जिसकी वजह आज तक ९८४ आंगन बाड़ी केन्द्रों के लिए भवन का नहीं बन पाना है। मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले में २०४० आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। जिसमें ग्रामीण परियोजना अंतर्गत आने वाले ९८४ से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन नहीं है। कुछ आंगनबाड़ी केन्द्र से एक हजार से तीन हजार रुपए तक के किराए के भवन में संचालित हैं।


शहरी परियोजना के अंतर्गत सबसे ज्यादा खस्ता हालात जगदलपुर शहरी परियोजना की है। शहर में संचालित ७२ आंगनबाड़ी केन्द्र में से ६६ आंगनबाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। वहीं ५७ आंबा केन्द्र किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। केवल केन्द्र भवन के लिए नहीं तरस रहे हैं। यहां बच्चो को मुलभूत सुविधाएं भी मुहैय्या नहीं हो पाती है। अधिकांश केन्द्रों विद्युत की व्यवस्था नहीं है। बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है। इनमें से एक भी आंगनबाड़ी केन्द्र में विद्युत की सुविधा नहीं है।

पेयजल की समस्या होने से बच्चों के लिए आंगनबाड़ी संचालिकाओं को बाहर से पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। शहर की तरह ग्रामीण परियोजना भी बुरी स्थिति में है। यहां के ३०१ केन्द्रों में से ८७ केन्द्र भवन विहीन हैं, वहीं ७६ किराए के भवन में संचालित हैं। अधिकांश आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो चुके हैं, तो कुछ टूटी-फूटी झोपडिय़ों में संचालित हैं। जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को अच्छा परिवेश देने की बात शासन-प्रशासन करता है, उसकी मियाद ही कमजोर है।

मिनी आंबा केन्द्र में भी समस्याए
जिले में कुल १२३ मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में ६१ भवन स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें से १० भवन पूर्ण है, शेष भवन का निर्माण कार्य ही आरंभ नहीं किया गया है। मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में से ११३ में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं महज ११ केन्द्रों में ही पेयजल की व्यवस्था है। वहीं ६२ भवन मिनी आंबा केन्द्रों के अपने भवन नहीं है।

Home / Jagdalpur / शौचालय, पेयजल और विद्युत के बिना ९८४ आंगनबाड़ी केंद्र हैं किराए के जहां गढ़ा जा रहा बच्चों का भविष्य

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.