scriptफॉल आर्मी वर्म से निपटने अब विभाग बनाएगी ये योजना | These plans will now be made by handling the Fall Army Worm | Patrika News

फॉल आर्मी वर्म से निपटने अब विभाग बनाएगी ये योजना

locationजगदलपुरPublished: May 28, 2019 11:29:39 am

Submitted by:

Badal Dewangan

आचार संहिता हटते ही अब फॉल आर्मी वर्म से निपटने विभाग नए सिरे से शुरू करेगा काम

fall army

फॉल आर्मी वर्म से निपटने अब विभाग बनाएगी ये योजना

जगदलपुर . अमेरिका, अफ्रीका और श्रीलंका जैसे देशों में तबाही मचाकर बस्तर पहुंचे फॉल आर्मी वर्म से निपटने अब कृषि विभाग नए सिरे से काम शुरू करेगा। आचार संहिता और अफसरों की चुनावी व्यस्तता की वजह से यह प्रोजेक्टर पिछले दो महीने से अटका हुआ था। विभाग मिशन मोड पर काम करने की तैयारी पहले ही कर चुका है। पत्रिका में लगातार इस कीट की वजह से किसानों को हो रहे नुकसान की खबर छपने के बाद ही कृषि विभाग हरकत में आया था। विभाग फॉल आर्मी वर्म से निपटने के लिए इसे बस्तर में ढूंढने वाले कृषि विज्ञान केंद्र के साथ काम करेगा।

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अफसर इस कीट से निपटने का उपाय साथ मिलकर खोजेंगे। केवीके के सुझाव के आधार पर ही एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसे शासन के पास भेजा जाएगा। शासन से कीट प्रकोप नियंत्रण के लिए मुहिम चलाने की अनुमति मिलते ही विभाग इस पर काम शुरू कर देगा।

छह सौ एकड़ में लगी मक्के की फसल कर दी चट
फॉल आर्मी वर्म छत्तीसगढ़ में सबसे पहले बस्तर में पाया गया था। इसी साल जनवरी महीने में कृषि विज्ञान केंद्र कुम्हरावंड के वैज्ञानिकों ने इसे रिपोर्ट किया था। इसके बाद से ये बस्तर में मक्के की फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है। इसने अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका की तरह ही यहां भी तबाही मचाना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ बस्तर जिले में इस कीट की वजह से ६०० एकड़ से ज्यादा की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है।

जहां की तबाही, वहां की रिपोर्ट्स का हो रहा अध्ययन
केवीके बस्तर ने फॉल आर्मी वर्म यहां रिपोर्ट होने के साथ ही अध्ययन का काम शुरू कर दिया था। इस अध्ययन का प्रमुख भाग उन देशों की रिपोर्ट्स को पढऩा था जहां फॉल आर्मी वर्म ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। केवीके के वैज्ञानिक पिछले चार महीने से अमेरिका, अफ्रीका और श्रीलंका के कीट वैज्ञानिकों की रिपोटर््स का अध्ययन कर इस कीट से निपटने के उपाय ढूंढने में जुटे हुए हैं। संभव है कि शासन को कृषि विभाग की तरफ से भेजे जाने वाले प्रस्ताव में इन रिपोर्ट्स का हवाला भी दिया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो