छह सौ एकड़ में लगी मक्के की फसल कर दी चट
फॉल आर्मी वर्म छत्तीसगढ़ में सबसे पहले बस्तर में पाया गया था। इसी साल जनवरी महीने में कृषि विज्ञान केंद्र कुम्हरावंड के वैज्ञानिकों ने इसे रिपोर्ट किया था। इसके बाद से ये बस्तर में मक्के की फसल को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है। इसने अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका की तरह ही यहां भी तबाही मचाना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ बस्तर जिले में इस कीट की वजह से ६०० एकड़ से ज्यादा की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है।
जहां की तबाही, वहां की रिपोर्ट्स का हो रहा अध्ययन
केवीके बस्तर ने फॉल आर्मी वर्म यहां रिपोर्ट होने के साथ ही अध्ययन का काम शुरू कर दिया था। इस अध्ययन का प्रमुख भाग उन देशों की रिपोर्ट्स को पढऩा था जहां फॉल आर्मी वर्म ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। केवीके के वैज्ञानिक पिछले चार महीने से अमेरिका, अफ्रीका और श्रीलंका के कीट वैज्ञानिकों की रिपोटर््स का अध्ययन कर इस कीट से निपटने के उपाय ढूंढने में जुटे हुए हैं। संभव है कि शासन को कृषि विभाग की तरफ से भेजे जाने वाले प्रस्ताव में इन रिपोर्ट्स का हवाला भी दिया जाएगा।