जानकारी मिलने पर अधिकारी के उडे़ होश
जैसे ही ‘पत्रिका’ ने मौके की तस्वीर माइनिंग डिपार्टमेंट के उपसंचालक आरसी नेताम को दिखाई उनके होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत एक्शन लेेते हुए माइनिंग इंस्पेक्टर हेमंत चेरपा को मौके पर जाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए। हेमंत भी अपनी टीम के साथ मौके पर गए और अवैध उत्खनन में लगे वाहनों पर कार्रवाई की।
ठेकेदार पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं
माइनिंग विभाग से जब इस काम को करवाने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई को लेकर पूछा तो वे इस मामले में स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। उन्हेांने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। वहीं सरपंच पर कार्रवाई के लिए भी प्रस्ताव भेजा जाएगा।
विभाग को लगा करोड़ों का चूना
मुरुम माफिया ने इलाके में इस कदर खुदाई की है कि यहां पहुंचते ही किसी बड़े प्लांट में पहुंचने का एहसास होता है। चारों ओंर 20 से 25 फीट की मुरुम की दीवारें और दूर दूर तक खुदा हुआ इलाका नजर आता है। इसे देख अब तक विभाग को करोड़ों रुपए की रॉयल्टी का चुना लग चुका नजर आता है। यहां काम करने वाले मुंशी ने भी बातचीत में कबूल किया कि यहां से रोजाना 30 से 40 ट्रक मुरुम ले जाया जा रहा है।
सरपंच की मिलीभगत से गांव का रूका विकास
नगरनार से सटा यह इलाका पिछड़ा हुआ है। मुरुम खोदने से यहा से नीचे की तरफ आने वाले पानी से स्थानीय लोगों को नुकसान तो होता ही है। वहीं अवैध उत्खनन से ग्रामीणों का विकास भी रूक गया है। क्योंकि खुदाई से आने वाली रॉयल्टी का पैसा गांव के विकास कार्य में ही लगता है, लेकिन विकास के लिए जिस पैसे का उपयोग होना था उसे सरंपच मािफया से मिलीभगत कर खुद ही डकार रहा है।