प्रति व्यक्ति लगभग 15 हजार रुपये मासिक आय
उन्होंने कहा कि, जिले में हथकरघा उद्यम क्षेत्र में रोजगार की भरपूर संभावनाऐं है, आजीविका के इस नए विकल्प में हितग्राही के साथ-साथ उसके परिवार के अन्य सदस्य भी अतिरिक्त आमदनी जुटा सकते है। इसके लिए जिला प्रशासन पूरे जिले में लगभग 3 हजार महिलाओं एवं युवाओं को हथकरघा में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। हथकरघा उत्पादन से प्रति व्यक्ति लगभग 15 हजार रुपये मासिक आय अर्जित कर सकता है।
महिलाओं और युवाओं को रोजगार के नए साधन
जिला प्रशासन पिछले कुछ वर्षो से यह प्रयास कर रहा है कि, कुछ सामग्रियों को बाहर से मंगाने के बजाये जिले में ही उसके उत्पादन को बढ़ावा दिया जाये। इस क्रम जिले में ही एलईडी बल्ब, सीमेंट पोल, फैंसिंग तार, चुड़ी, चप्पल, स्टेशनरी सामग्री निर्माण का उत्पादन किया जा रहा है और इसके माध्यम से महिलाओं और युवाओं को रोजगार के नए साधन उपलब्ध कराये गए है। उन्होंने हितग्राहियों से आग्रह किया कि, वे हथकरघा उत्पादन की बारीकियों को लगन से सीखे उल्लेखनीय है कि लाईवलीहुड कॉलेज स्थित हैण्डलूम प्रशिक्षण उत्पादन यूनिट में वर्तमान में 20 स्थानीय हितग्राहियों को जोड़ा गया है।
बैंक लिकेंज भी करवाया जाएगा
प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षाणार्थियों का बैंक लिंकेज से लोन दिलाकर मशीन खरीदी कराई जायेगी और उत्पादन से निर्मित कपड़े को राज्य हथकरघा विपणन संघ को सीधे सप्लाई किया जायेगा और भविष्य में भी हैण्डलूम के इस कार्य को बढ़ाते हुए डबल-बेड, चादर इत्यादि निर्माण का भी लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर आरबी धु्रव, जिला लीड बैंक मैनेजर, एसके शुक्ला, प्रबंधक ग्रामोद्योग नितिन बैस, परियोजना अधिकारी पुनेश्वर वर्मा, हथकरघा मास्टर ट्रेनर सरस उपाध्याय सहित अन्य मौजूद रहे।