लॉकडाउन के कारण लोग अटके हुए हैं
गौरतलब है कि बस्तर से अध्ययन, पर्यटन, स्वास्थ्य सुविधाओं व अपने पैतृक घर जाने की चाहत रखने वाले लोग बहुहतायत से हैं। इनमें आंध्र, ओडिशा, तेलंगाना, केरल, प. बंगाल, पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र व हरियाणा के लोग भी यहीं रहते हैं। लॉक डाउन की वजह से वे इन जगहों पर जाने से महरूम हो रहे हैं। ं जगदलपुर से विशाखापटनम के लिए सीधे ट्रेन चलती है। इससे दक्षिण भारत के अधिकांश जगह पर आने- जाने सुविधा होती है। वहीं लॉकडाउन के कारण लोग यहीं पर अटके हुए हैं। लॉकडाउन में इस दौरान सारी सुविधाओं में छूट दी जा रही हैं। वहीं आवागमन को कोई सुविधा नहीं है। निजी वाहन संचालक बाहर जाने के लिए लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए दो से तीन गुना रुपए वसूल रहे हैं।
इस प्रकार लोगों ने बताई अपनी पीड़ा
जगदलपुर निवासी संजय कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी कैंसर से पीडि़त हैं। जिसका इलाज विशाखापटनम के एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा है। इस वजह से उन्हें महीने में एक बार जांच और दवाई के लिए विशाखापटनम जाना पड़ता है। ट्रेन बंद होने के कारण अब उन्हें निजी वाहन से आना.जाना करना पड़ रहा है। निजी वाहन से आने.जाने में करीब 7 से 8 हजार रुपए लग रहा है। ऊपर से दवाई और इलाज का खर्च अलग से देना पड़ रहा है। इसी प्रकार धरमपुरा निवासी जगतराम ने बताया कि वे हार्ट पेशेंट है। यहां पर कार्डियोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण उन्हें इलाज के लिए विशाखापटनम जाना पड़ता है। ट्रेन बंद होने के कारण जांच के लिए नहीं जा पा रहे हैं।
जगदलपुर से गुजरती है 8 एक्सप्रेस और दो पैसेंजर
जगदलपुर से अप.डाउन में करीब 8 एक्सप्रेस और दो पैसेंजर ट्रेन चलती है। इसमें दुर्ग-जगदलपुर एक्सप्रेस करीब सालभर से बंद है। रेलवे प्रशासन अब इस एक्सप्रेस को चालने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस एक्सप्रेस से रेलवे प्रशासन को नुकसान हो रहा था। इस वहज से बंद कर दिया गया है। ऐसे में रायपुर और दुर्ग की ओर जाने वाले लोगों के लिए सिर्फ बस ही एक साधन है। जो पीछले तीन महीने से बंद है।
मालवाहकों से आना-जाना कर रहे लोग
ट्रेन और बस बंद होने के कारण लोग मालवाहकों में आना.जाना कर रहे हैं। इसके लिए लोगों को निर्धारित किराए से दो से तीन गुना अधिक रुपए देना पड़ रहा है। दरअसल जगदलपुर से सुकमाए कोंटाए दंतेवाड़ए बीजापुरए नाराणपुर और कोंड़ागांव जाने के लिए कोई साधन नहीं है। वहीं जगदलपुर संभागमुख्याल होने के साथ ही यह बस्तर संभाग का सबसे बड़ा बाजार है। ऐसे में लोग शासकीय काम के साथ ही खरीदी करने के लिए भी यहां आते है। जिससे इन लोगों को अब मालवाहकों में अधिक किराए देकर आना.जाना करना पड़ रहा है।