पहले विरोध का करना पड़ चुका है सामना
पोटाली में कैंप खुलने को लेकर पहले ग्रामीणों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना पुलिस को करना पड़ रहा था। जिसमें ग्राम सभा से विधिवत अनुमति नहीं लेने को मुद्दा बनाया गया था। हालांकि पुलिस का दावा था कि विरोध के पीछे ग्रामीणों की खुद की मंशा नहीं है बल्कि माओवादियों का दबाव काम कर रहा था। इस वजह से ग्रामीण मजबूरन कैंप के विरोध में आए थे। एसपी. डॉ पल्लव ने कहा कि ग्रामीणों ने माओवादी भय व दबाव के बावजूद कैंप के लिए जमीन देकर सुरक्षा के साथ विकास के मार्ग को चुना है।
दंतेवाड़ा जिले में दो और नए कैंप खोलने की तैयारी
पोटाली में हालात पूरी तरह से फोर्स के पक्ष में हैं। ऐसे में अब पुलिस प्रशासन जिले में दो और बड़े कैंप स्थापित करने की तैयारी में जुट गया है। सूत्र बताते हैं कि बचेली और बारसूर इलाके में कैंप की स्थापना की जा सकती है। बचेली में गुमियापाल में कैंप खुलना लगभ्भग तय माना जा रहा है। दंतेवाड़ा पुलिस संवेदनशील इलाके में कैंप की स्थापना कर शांति बहाल करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। हालांकि इसे लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया जा रहा है। पुलिस अफसरों की मानें तो कैंप तभी स्थापित किए जाएंगे जब उसके लिए अनुकूल माहौल मिलेगा।