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विश्व आदिवासी दिवस पर जुटेगें हजारो ग्रामीण, अपने इस आराध्य स्थली को बचाने होगा संकल्प

locationजगदलपुरPublished: Aug 09, 2019 11:18:39 am

Submitted by:

Badal Dewangan

World Tribal Day : अडानी को पर्वत दिए जाने के खिलाफ एक बार फिर गांव-गांव से निकले आदिवासी, पर्वत को बचाने का लेंगे संकल्प

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विश्व आदिवासी दिवस पर जुटेगें हजारो ग्रामीण, अपने इस आराध्य स्थली को बचाने होगा संकल्प

जगदलपुर. नंदराज पर्वत के लिए दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी एक बार फिर एकजुट हो रहे हैं। 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) के मौके पर हजारों की संख्या में आदिवासी नंदराज पहुंचेंगे और पर्वत को बचाने का संकल्प दोहराएंगे। ऐसा पहली बार होगा जब ग्रामीण आदिवासी दिवस पर यहां पहुंचेंगे। इसके जरिए आदिवासी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर अडानी को खदान दिए जाने का पर्वत से सांकेतिक विरोध करेंगे। फिलहाल आयोजन के साथ कोई बैनर नहीं जुड़ा है। इलाके के आदिवासी बारिश के बावजूद स्वेच्छा से पर्वत पर पहुंचकर अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करेंगे।

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आदिवासी दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आज कामानार में
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन दरभा ब्लॉक के कामानार में किया जा रहा है। यहां के मीडिल स्कूल में सुबह ८ बजे देवगुड़ी में पेन-पुरखा की अर्जी विनती से कार्यक्रम शुरू होगा। सुबह ९.३० बजे धरमपुरा के पीजी कॉलेज परिसर से कामानार तक बाइक रैली निकाली जाएगी। सुबह १० बजे मुख्य कार्यक्रम शुरू होगा जो कि दिनभर जारी रहेगा। सर्व आदिवासी समाज जिला बस्तर और अजा कर्मचारी सेवक संघ जिला बस्तर की ओर से यह आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा शहर और जिले में और भी कई जगह पर विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी एकजुटता देखने को मिलेगी।

जांच से आदिवासी नाखुश, दोबारा आंदोलन की सुगबुगाहट!
सरकार ने खदान आबंटन के मामले में जांच बिठाई और समय के साथ इसकी पूरी प्रक्रिया विवादों से घिर गई। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन कहता रहा कि ग्रामीण जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं तो वहीं हिरोली के ग्रामीणों का कहना था कि जांच की प्रक्रिया गलत है। इस बीच सर्व आदिवासी समाज ने इलाके के आदिवासियों को आगे किसी भी तरह की स्थिति के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया। अब इस बीच चर्चा यह भी हो रही है कि विश्व आदिवासी दिवस पर नंदराज पर्वत पर जुटने वाले आदिवासी जांच से नाखुश हैं और हो सकता है कि यहीं आगे फिर सेे आंदोलन करने की रणनीति तैयार की जाए।

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