मिली जानकारी के अनुसार संक्रमित टेक्निशियन कांकेर में पदस्थ है। वायरोलॉजी लैब में स्टाफ की कमी होने पर दूसरे जिले के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। ऐसे में यह टेक्नीशियन 3 दिन पहले कांकेर से आया है। बाहर से आने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में इसकी किसी भी प्रकार की जांच नहीं की गई और सीधे ड्यूटी पर लगा दिया गया है। ऐसे में ड्यूटी के दौरान वायरोलॉजी लैब के अन्य स्टाफ संक्रमित टेक्नीशियन के संपर्क में आए होंगे। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा अब पूरे स्टाफ को भुगतना पड़ रहा है।
बस्तर संभाग के 5 जिले से रविवार को 52 संक्रमित मिले हैं, जिसमें बस्तर जिले से ही 21 पॉजिटिव मिले। इसमें डिमरापाल मेडिकल कॉलेज से सात और तोकापाल ब्लॉक के केशलूर आरटीआई क्वारंटाइन सेंटर से 14 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं बीजापुर जिले से 11, दंतेवाड़ा से 10, सुकमा से नौ और कांकेर जिले से 1 कोरोना पॉजिटिव सामने आया है। इन सभी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है।
मेकॉज में कोरोना जांच बंद हो सकता है
मेडिकल कॉलेज में अब कोरोना जांच बंद हो सकता है। गौरतलब है कि जिस लैब में कोरोना की जांच होती है वहीं का टेक्नीशियन संक्रमित है। यह कर्मचारी वायरोलॉजी लैब में डॉक्टर, साइंटिस्ट व अन्य स्टाफ के संपर्क में भी आया है। वायरोलॉजी लैब में तीन साइंटिस्ट पदस्थ हैं, जिसमें एक साइंटिस्ट पहले से ही बीमार होने के कारण छुट्टी पर है। वहीं अब अन्य स्टाफ को भी क्वॉरेंटाइन करने का पहल किया जा रहा है। ऐसे में कोरोना जांच बंद हो सकता है।