समाज के लोगों ने कहा कि हम शुरुआत से ही सादगी के साथ ही विवाह करते रहे हैं और इसके लिए आने वाली पीढ़ी को भी जागरूक कर रहे हैं। धर्मांतरण(Conversion) के खिलाफ इस दौरान समाज के लोगों ने एक नारा दोहराते हुए कहा कि जो नहीं भोलेनाथ का वह नहीं हमारे जात का।
धर्मांतरण पर समाज को जागरूक होना होगा
धर्मांतरण(Conversion) का मुद्दा पूरे देश में इस वक्त पूरे समाज के सामने एक चुनौती है। इसे लेकर हम समाज को जागरूक कर रहे हैं। बता रहे हैं कि धर्मांतरण हमें हमारी संस्कृति को खतरा है। इससे जुड़ी साजिश के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि इससे बचें। परिचय सम्मेलन जैसी नई पहल भी कर रहे हैं जिससे बच्चों के रिश्ते खोजने में परेशानी ना हो। समाज भी और भी कई नवाचार हो रहे हैं जिनसे समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
एक ही संदेश, परंपरा को बचाना है सर्वोपरि
समाज के किसी भी कार्यक्रम और मंच से हम यही संदेश दे रहे हैं कि हमारी जाति ही हमारा आधार है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि धर्मांतरण(Conversion) के कुचक्र में हमारे लोगों को फंसाया जा रहा है। एक सोची-समझी साजिश के तहत संस्कृति से हमें दूर किया जा रहा है। समाज के लोगों को यह जानना होगा कि हमारा इतिहास क्या है। धर्मांतण के खिलाफ हम सभी को एकजुट होकर आगे बढऩा होगा। पुरखों के बताए रास्ते पर चलना होगा।
परिचय सम्मेलन से बच रहा समय व पैसा
युवक-युवती परिचय सम्मेलन की शुरुआत हो गई है। यह आयोजन माता-पिता की परेशानी को दूर कर रहा है जो अपने बच्चों के लिए अच्छे रिश्ते के लिए भटकते हैं। हर अब हर साल हर जिले में युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन करेंगे ताकि युवाओं को अपने जीवन साथी की तलाश के लिए उचित मंच मिल सके। इसके अलावा हम धर्मांतरण (Conversion) को लेकर भी जागरूकता मुहिम चला रहे हैं। हम समाज के लोगों को इसे लेकर जागरूक कर रहे हैं।
बस्तर में धर्मांतरण को लेकर उठ रही आवाज
समूचे बस्तर में धर्मांतरण(Conversion) को लेकर आवाज उठ रही है। हम शांति के रास्ते पर ही आगे बढ़ रहे हैं। हमारे समाज का आधार उसकी संस्कृति है अगर लोग इसी से दूर होते जाएंगे तो यह हमारे लिए चिंतनीय है। समाज के हर आयोजन में इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। समाज के लोगों को हमारे इतिहास से अवगत करवाया जा रहा है। जो कार्यक्रम में आ रहे हैं वह अपने गांवों में जाकर भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।