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आखिर ऐसी क्या नौबत आई कि, ग्रमीणों को करना पड़ा थाने का घेराव, जाने क्यों इतना बढ़ा मामला

locationबस्तरPublished: Mar 10, 2018 10:08:38 am

Submitted by:

Badal Dewangan

बाइक सामने रखने की बात पर दोनों पक्षों में हुई थी मारपीट, पुलिस ने मारपीट के आरोपियों के खिलाफ किया मामला दर्ज

ग्रमीणों को करना पड़ा थाने का घेराव
जगदलपुर . रंगपंचमी के दिन जरा सी बात को लेकर दो लोगों के बीच मारपीट हुई थी। यह विवाद इतना बढ़ गया कि प्रार्थी पक्ष की शिकायत थाना में दर्ज नहीं करने से नाराज चिउरगांव मंाझीगुड़ा के 300 से अधिक ग्रामीणों ने शुक्रवार को करपावंड थाना का घेराव कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है।
अपनी बाइक को 407 वाहन के सामने खड़ा किया था
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक करपावंड मुख्य मार्ग पर अनुज गुप्ता की दुकान है। इस दिन दुकान के सामने 6 फरवरी को अनुज के भाई राजकुमार ने अपनी 407 वाहन खड़ा किया था। थोड़ी ही समय बाद चिउरगांव मांझीगुड़ा में रहने वाला हरेन्द्र भारती वहां अपनी बाइक लेकर पहुंचा। उसने अपनी बाइक को 407 वाहन के सामने खड़ा किया था। इस बात पर राजकुमार गुप्ता ने हरेन्द भारती को नाराज होते हुए गाड़ी के सामने आकर मरना है क्या कहते हुए बाइक को हटाने कहा। इतनी सी बात पर दोनों के बीच विवाद के बाद मारपीट शुरू हो गया।
एसटी-एससी एक्ट के तहत पुलिस से मामले दर्ज करने की मांग
अनुज गुप्ता, राजकुमार गुप्ता और दीपक ने हरेन्द्र भारती की जमकर पिटाई कर दी। जिसके बाद मामले की शिकायत लेकर हरेन्द परिजन के साथ करपावंड उस दिन थाना पहुंचे थे और एसटी-एससी एक्ट के तहत पुलिस से मामले दर्ज करने की मांग करते रहे। पुलिस ने जाति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर आदिवासी एक्ट का मामला दर्ज नहीं किया। यह बात गांव में आग की तरह फैल गई।
किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसलिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद
शुक्रवार को चिरउगांव मांझीगुड़ा और आसपास से 300 से अधिक ग्रामीणों ने करपावंड थाने में शिकायत दर्ज करने की मांग को लेकर घेराव करने पहुंचे थे। यहां थाना प्रभारी टिल्लू सिंह ने मौके की नजाकत को देखते हुए तत्काल अनुज, राजकुमार और दीपक को हिरासत में लेकर इनके विरूद्ध मारपीट का मामला दर्ज किया है। वहीं आरोपियों के विरूद्ध शिकायत दर्ज होने के बाद प्रार्थी व ग्रामीण वापस लौट गए। इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसलिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद थी।
जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने कहा है
प्रार्थी ने आरोपी के विरूद्ध एसटी-एससी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की थी, लेकिन घटना के दिन जाति प्रमाण-पत्र नहीं था, इसलिए उसका एफआईआर दर्ज नहीं किया जा सका। शुक्रवार को उसने लिखित आवेदन दिया। जिसके बाद तीन आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। अलग से एसटी-एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को
कहा है।
टिल्लू सिंह, करपावंड, थाना प्रभारी

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