अबूझमाड़ नक्सलियो की अघोषित राजधानी मानी जाती है पुलिस का दावा है कि विभिन्न राज्यो में सक्रिय नक्सली मीटिंग और प्रशिक्षण के लिए अक्सर अबूझमाड़ पहुंचते है इसके लिए वे सुरक्षित रास्ते का उपयोग करते है पहले ओडिशा से बस्तर आने के लिए शबरी नदी पार करके कोलेंग से दरभा,पखनार,बास्तानार बारसूर य मिचनार बिन्ता होकर अबूझमाड़ में प्रवेश करते थे । लेकिन अब सुरक्षा बलों के बढ़ते खतरे को देखकर नक्सलियो ने नया कॉरिडोर बनाया है अब वे अबूझमाड़ से मर्दापाल,कोंडागांव,दुधावा, धमतरी,गरियाबंद और महासमुंद होते हुए ओडिशा आते-जाते है दो दिनों पूर्व 21 जून को नक्सलियो ने इसी मार्ग पर गरियाबंद – नवापाडा ( ओडिशा ) के जंगल में सीआरपीएफ जवानों पर घात लगाकर हमला किया जिसमें 3 जवान शहीद हो गए थे तथा दर्जनभर जवान इस हमले में घायल हुए थे । पिछले एक वर्ष में इसी कॉरिडोर में सुरक्षाबलों और नक्सलियो के मध्य 3 मुठभेड़ें हो चुकी है ।
एक दशक में देश में नक्सल घटनाओं में 80 फीसदी कमी
सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के कारण पिछले 12 वर्षो में देश मे नक्सल वारदातों में लगभग 70 फीसदी की कमी आई है गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2009 में देश मे सर्वाधिक 2258 नक्सल वारदाते हुई थी जो कि 2020 में घटकर 665 रह गई है वही नक्सल हिंसा में हुई मौतों के मामले में भी 80 फीसदी की कमी आई है वर्ष 2010 में जहाँ नक्सल हिंसा में 1005 लोग मारे गए थे वहां 2020 में यह संख्या घटकर 183 रह गई है इसीतरह वर्ष 2013 में 10 राज्यो के 76 जिले धुर नक्सल प्रभावित थे वही अब यह 9 राज्यो के 53 जिलो में यह समस्या बची है