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पानी का इकलौता सहारा भी हमसे अब छीन लिया
ग्रामीणों ने बुधवार की दोपहर अपनी समस्या से अवगत कराने फोन कर इसकी जानकारी दी। और जब टीम पत्रिका मौके पर पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित थे और सभी आक्रोशित नजर आ रहे थे। ग्रामीणों का कहना था कि, हमारे इलाके में पहले ही पानी की काफ ी किल्लत हैं। और ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा जबरिया इसमें हैंडपंप के साथ खिलवाड़ किया गया हैं। जबकि हम लोग इसके विरोध में थे, बावजूद इसके पंचायत प्रतिनिधियों ने हमारी एक न सुनी और अपनी मनमानी कर हमारे पाने के पानी का इकलौता सहारा भी हमसे अब छीन लिया हैं। पंचायत प्रतिनिधियो केा इसकी सूचना भी दी पर इस कोई अब तक कोई कार्रवाई नहीं गई हैं। जिसके चलते हम ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा हैं। हालांकि मोहल्ले में एक दूसरा हैंडपंप तो है पर वह भी अब हमारा साथ नहीं दे पा रहा।
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जहां बिजली नहीं वहां लगाया मोटर
ग्रामीणों ने बताया कि, आर्दश आंगनबाड़ी केंद्र प्लाटपारा में बिजली कनेक्शन ही नहीं हैं वहां बिजली से संचालित होने वाला मोटर लाखों रुपए की लागत से लगा कर सरकारी पैसे का दूरूपयोग पंचायत के द्वारा किया जा रहा हैं। इसी के चलते जैसे-तैसे कर थोड़ा बहुत हैंडपंप से निकलने वाला पानी वह भी अब पूरी तरह से बंद हो गया हैं। हमारा विरोध आबां केंद्र में मोटर लगाने को लेकर नहीं था, बल्कि वहां बिजली ही नहीं है तो वहां क्यों लगाया जा रहा हैं इसका विरोध था। हम ग्रामीण अपने गांव के विकास के लिए अच्छा सोचकर अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करते हैं, लेकिन वो ही जब हमारी ओर ध्यान न दे तो फिर हम अपनी बात कहां रहे। इस दौरान सुमिश्रा राना, धनमति मांझी, चम्पा नेताम, लक्ष्नीबाई, सज्जतीन मांझी, सोनबती, पैतराम, ईश्वर, मुकेश कुमार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।