scriptपूरे छत्तीसगढ़ में मनाया जा रहा पोला, जानिए क्यों मानाया जाता है ये पर्व, और क्यों पड़ा इस त्योहार का नाम पोला तिहार | Why do we celebrate Pola tihar, why is this festival named Pola Tyohar | Patrika News

पूरे छत्तीसगढ़ में मनाया जा रहा पोला, जानिए क्यों मानाया जाता है ये पर्व, और क्यों पड़ा इस त्योहार का नाम पोला तिहार

locationजगदलपुरPublished: Aug 30, 2019 12:19:31 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

Pola Tihar 2019: पूरे छत्तीसगढ़ में मिट्टी के बैलों व खिलौनों की पूजा की जाती है, भोग के लिए छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते है।

पूरे छत्तीसगढ़ में मनाया जा रहा पोला, जानिए क्यों पड़ा इस पर्व का नाम पोला त्यौहार, पढि़ए पूरी खबर

पूरे छत्तीसगढ़ में मनाया जा रहा पोला, जानिए क्यों पड़ा इस पर्व का नाम पोला त्यौहार, पढि़ए पूरी खबर

Pola Tihar 2019: भारत देश कृषि प्रधान देश है, यहाँ कृषि को अच्छा बनाने में मवेशियों का भी विशेष योगदान होता है। देश में इन मवेशियों की पूजा की जाती है, पोला का त्यौहार उन्ही में से एक है, जिस दिन कृषक गाय, बैलों की पूजा करते है। यह पोला का त्यौहार विशेष रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में मनाया जाता है, पोला के दिन किसान और अन्य लोग पशुओं की विशेष रूप से बैल की पूजा करते है, उन्हें अच्छे से सजाते है पोला को बैल पोला भी कहा जाता है

यह भी पढ़ें

जानिए तीज उपवास को लेकर क्यों महिलाएं हैं असमंजस में, पढि़ए दो अलग अलग दिनों में तीज उपवास के महत्व को


त्यौहार का नाम पोला क्यों पड़ा
विष्णु भगवान (Lord vishnu) जब कान्हा के रूप में धरती में आये थे, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna janmashtami) के रूप मे मनाया जाता है, तब जन्म से ही उनके कंस मामा उनकी जान के दुश्मन बने हुए थे। कान्हा जब छोटे थे और वासुदेव-यशोदा के यहाँ रहते थे, तब कंस ने कई बार कई असुरों को उन्हें मारने भेजा था। एक बार कंस ने पोलासुर (Polasur) नामक असुर को भेजा था, इसे भी कृष्ण ने अपनी लीला के चलते मार दिया था, और सबको अचंभित कर दिया था। वह दिन भादों माह की अमावस्या का दिन था, इस दिन से इसे पोला कहा जाने लगा। इसके पीछे एक और कहानी प्रचलित है जिसमें किसान अपने खेती किसानी के सारे काम खत्म कर अन्नमाता को आराम देते हैं। अन्नमाता इस दिन गर्भधारण करती है।

यह भी पढ़ें

इंटरनेशनल स्पेस युनिवर्सिटी में 9 सप्ताह का फेलोशिप पूरा कर नित्या पहुंची घर, हुआ जोशीला स्वागत

पोला त्यौहार का महत्व
भारत जहां कृषि आय का मुख्य स्रोत है और ज्यादातर किसानों की खेती के लिए बैलों का प्रयोग किया जाता है। इसलिए किसान पशुओं की पूजा आराधना एवं उनको धन्यवाद देने के लिए इस त्योहार को मनाते है। छत्तीसगढ़ बहुत सी आदिवासी जाति एवं जनजाति रहती है। यहाँ के गाँव में पोला के त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाते है। यहाँ सही के बैल की जगह लकड़ी एवं लोहे के बैल की पूजा की जाती है, बैल के अलावा यहाँ लकड़ी, पीतल के घोड़े की भी पूजा की जाती है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो