ज्ञात हो कि आड़ावाल स्थित जिला लाईवलीहुड कॉलेज में विगत वर्ष 3372 युवाओं को अलग-अलग ट्रेड में कौशल उन्नयन के तहत प्रशिक्षण दिया गया था। राज्य में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना लागू होने के बाद से ही जिले के हजारों युवाओं को प्रशिक्षण मिल रहा था। जिले की 131 वीटीपी संस्थाएं सिलाई, मोबाइल, ऑटो मोबाइल, हार्डवेयर, प्लंबिंग, हस्तशिल्प, नर्स, कूक व अन्य 25 विषयों पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रही थी। वहीं इस साल एक भी प्राइवेट व अन्य शासकीय संस्थाओं की वीटीपी ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
आड़ावाल स्थित इस कॉलेज का भूमिपूजन वर्ष 2015 में राज्य मंत्री राजीव प्रतापा रूडी के हाथों किया गया था। इसके बाद वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसका लोकार्पण किया था। आज इस कॉलेज में सन्नाटा रहता है। कॉलेज में प्राचार्य क्लर्क और एक पीयून ही रह गए हैं।
लाइवलीहुड कॉलेज अब एक मात्र वीटीपी
वीटीपी संस्थाओं में प्राइवेट के अलावा सरकारी संस्थाएं भी रजिस्टर्ड थी। वन विभाग, पीएचई, पॉलीटेक्निक, आईटीआई, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत व अन्य विभाग भी मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग देने का काम कर रही थी। इन सभी विभागों की वीटीपी संस्था अब काम नहीं कर रही है। वर्तमान में केवल लाइवलीहुड कॉलेज ही वीटीपी रजिस्टर्डं है, लेकिन वह अब तक एक भी बैच चालू नहीं कर सकी है।
नए नियम नहीं बनाते आत्मनिर्भर
नई गाइड लाइन में प्रशिक्षण से पूर्व ही शपथ-पत्र मांगा जा रहा है, कि प्रशिक्षण के सप्ताह भर के भीतर उन्हें नौकरी पर लगाना होगा। एक तरफ जहां सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है, दूसरी तरफ वीटीपी संस्थाओं से शत्-प्रतिशत युवाओं को नौकरी लगाने की गारंटी मांगी जा रही है। यही वजह है कि निजी वीटीपी इससे हाथ खींच ले रहे हैं।
बेरोजगार युवाओं का था सहारा
लाइवलीहुड कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हजारों युवा आज स्वरोजगार के जरिए अपना व परिवार चला रहे हैं। कौशल उन्नयन से युवाओं को उम्मीद जागी थी कि वे भी इस योजना का लाभ लेकर अपनी रूची के मुताबिक क्षेत्र में काम सकेेंगे। बेरोजगार युवाओं नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर काबिल बनाने वाली यह योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है।