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ये महिला डाॅक्टर गर्भवती होने के बावजूद, संदिग्ध मरीजों का कर रहीं इलाज, 8-10 दिनों से नहीं मिली पति से

locationजगदलपुरPublished: Apr 08, 2020 12:06:07 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

गर्भवती होने के बावजूद, कोरोना संक्रणम के संदिग्ध मरीजों का कर रही इलाज, तोकापाल सामुदायिक स्वास्थ्य में पदस्थ्य है डॉक्टर इश्वा फातिमा

ये महिला डाॅक्टर गर्भवती होने के बावजूद, संदिग्ध मरीजों का कर रहीं इलाज, 8-10 दिनों से नहीं मिली पति से

ये महिला डाॅक्टर गर्भवती होने के बावजूद, संदिग्ध मरीजों का कर रहीं इलाज, 8-10 दिनों से नहीं मिली पति से

जगदलपुर. कोरोना से जंग लडने को हर दिन कोई न कोई एक मिसाल पेश कर रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है तोकापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में। यहां पर पदस्थ डॉक्टर इश्वा फातिमा गर्भवती होने के बावजूद वह इस महामारी में भी मरीजों का इलाज कर रही है। डॉ. फातिमा का कहना है कि डॉक्टरी पढकर घर बैठ गई और संकट की घड़ी में देश के काम न आ सकी तो किस काम की मेरी पढ़ाई। उनका कहना है कि इश्वर ने मुझे मौका दिया है कि इस महामारी में लोगों का इलाज कर सकू।

8-10 दिनों से अपने पति से भी नहीं मिल पाई
डॉ. फातिमा ने बताया कि उनके पति भी डॉक्टर हैं, जो मेडिकल कॉलेज में पदस्थ हैं। कुछ दिनों पहले उनके पति डॉ. एम शमीम मेडिकल कॉलेज के आईसोलेशन वार्ड में ड्यूटी लगी थी। यहां पर सप्ताहभर १२-१२ घंटे की ड्यूटी करने के बाद उन्हें १४ दिनों के लिए क्वारेनटाइन में रखा गया है। करीब 8-10 दिनों से अपने पति से भी नहीं मिल पाई हुं। वहीं परिवार के लोग यूपी में रहते हैं। यहां पर सिर्फ मैं और मेरे पति रहते हैं।

छुट्टी मिलने के बावजूद कर रही ड्यूटी
डॉ. फातिमा ने बताया कि नियम के तहत एक परिवार से सिर्फ एक ही व्यक्ति कोरोना ड्यूटी करेंगे। डॉ. फामिता के पति डॉ. शमीम कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में डॉ. फातिमा को २१ दिन की छुट्टी मिल सकती है। बावजूद वह छुट्टी न लेकर तोकापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का इलाज कर रही हैं। डॉ. फामिता गर्भवती होने के बावजूद जगदलपुर से 20 किमी. दूर तोकापाल रोजाना आना-जाना कर रही हैं।

क्वारेनटाइन वार्ड में कर रही थी ड्यूटी
बस्तर जिले में सिर्फ तोकापाल ब्लॉक में ही क्वारेनटाइन वार्ड बनाया गया है। शुरुआत में डॉ. फातिमा ४० बिस्तर के इस क्वारेनटाइन वार्ड में संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रही थी। अब उनकी ड्यूटी कोविड-१९ ओपीडी में लगाई गई है। यहां पर वे कोरोना संदिग्ध और सर्दी-खांसी के मरीजों का इलाज कर रही है। गर्भवती होने के बावजूद वह संकट की इस घड़ी में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों का इलाज कर रही है।

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