बताए जा रहा है कि मृतक के कॉल डिटेल की मदद से पुलिस अपराधियों तक पहुंच सकती है। परिजन के मुताबिक राहुल ने फ्रेंड्स सर्विस नाम की कंपनी में अच्छे रिटर्न की उम्मीद से बीते 3 महीने के भीतर ही 7 लाख रुपए से अधिक का निवेश किया था। इसके बाद भी कंपनी ने राहुल से और 60 हजार रुपए की मांग की थी।
राहुल के पास जितने भी रकम थी वह इस कंपनी में इन्वेस्ट कर चुका था। अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा था। रुपए डूब जाने के डर से वह डिप्रेशन में रहने लगा। परिवार के कुछ सदस्यों को उसने यह बात बताई थी, लेकिन पिता को बताने की साहस नहीं जुटा पाया। इधर, कंपनी लगातार उस पर और रुपए जमा करने दबाव बना रही थी। इस मानसिक दबाव के बीच राहुल अपनी जान दे दी।
पुलिस के मुताबिक इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मोबाइल की कॉल डिटेल और व्हाट्सएप सहित ऑनलाइन से जुड़ी सभी जानकारी को खंगाला जा रहा है।