Rajasthan Government : प्रदेश में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य से अभी खासतौर पर इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, कृषि, जेम, ज्वैलरी, खनिज और मिनरल के साथ अन्य विभिन्न क्षेत्रों से निर्यात हो रहा है। इस निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके लिए वन डिस्ट्रीक्ट—वन प्रोडक्ट निर्यात लक्ष्य की रणीनीति बनाते हुए राज्य से निर्यात को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद पिछले साल राजस्थान निर्यात संवद्र्धन समन्वय परिषद का गठन किया था। इस परिषद की पहली बैठक मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में हुई है। इस बैठक में मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने वन डिस्ट्रीक्ट-वन प्रोडक्ट निर्यात लक्ष्य की रणनीति बनाते हुए प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निर्यात संभावनाओं को तलाशते हुए प्रदेश से निर्यात को प्रोत्साहित किया जाए। प्रदेश से वस्तुओं के निर्यात के साथ ही सेवाओं के निर्यात की ठोस रणनीति तैयार की जाए। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि इसके लिए चैंपियन सर्विस सेक्टर चिन्हित किए जाएंगे। प्रदेश से निर्यात की विपुल संभावनाओं का दोहन किया जा सकता है। इसके लिए संबंधित विभागों को परस्पर सहयोग और समन्वय के साथ काम करना होगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान निर्यात संवद्र्धन समन्वय परिषद का मुख्य कार्य प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक व्यवस्था, मार्गदर्शन और सहयोग से समन्वित प्रयासों के साथ ही निर्यात में आने वाली बाधाओं को दूर करना है।
पिछले साल हुआ गठन
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स्वीकृति के बाद उद्योग विभाग ने पिछले साल नवंबर में इस परिषद के गठन की अधिसूचना जारी की। निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित 19 सदस्यीय परिषद का प्रावधान किया गया है। परिषद के उपाध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग होंगे। परिवहन, खान एवं खनिज, कृषि, पशुपालन और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एमएसएमई, पर्यटन, वन एवं पर्यावरण, ऊर्जा तथा श्रम नियोजन एवं रोजगार विभागों के प्रमुख शासन सचिव वाणिज्य कर (जीएसटी) और निवेश संवर्धन ब्यूरो के आयुक्त और राजसीको के प्रबंध निदेशक इस परिषद के सदस्य तथा उद्योग आयुक्त सदस्य सचिव होते हैं। राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद के दो सदस्य भी समन्वय परिषद के सदस्य हैं। इनके अलावा राज्य सरकार समय-समय पर औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों को परिषद् में मनोनीत कर सकती है।
परिषद का है यह काम
आपको बता दें कि यह समन्वय परिषद औद्योगिक संगठनों, केन्द्र व राज्य सरकार के संबंधित विभागों, उपक्रमों से समन्वय स्थापित करने के साथ ही प्रदेश में आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का सृजन करेगी। इससे निर्यात को नई दिशा मिलेगी। उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश से 2018-19 में 51 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात हुआ है। राजस्थान निर्यात संवद्र्धन समन्वय परिषद के गठन से निर्यात में और अधिक बढ़ोतरी होगी वही निर्यात को नई दिशा मिल सकेगी।