वर्ष 2020 में प्रदेश में अच्छी बारिश हुई, इससे अधिकतर बांध लबालब हो हो गए थे। जोधपुर संभाग में 123 बांधों को मिलाकर कुलभराव क्षमता का मात्र 1.6 प्रतिशत पानी ही बचा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस बार भी जोधपुर सहित आसपास की जगहों पर कम बारिश होने का अनुमान है, यदि इस मानसून में जोधपुर संभाग में अच्छी बारिश नहीं होती है तो सूखे के हालात पैदा हो जाएंगे।
इस साल भी सरकार की ओर से रामगढ़ सहित अन्य जगहों पर पुराने बांधों में पानी की आवक को लेकर को योजना नहीं बनाई गई। इस बीच बारिश के सीजन में जितनी तेजी से बांध लबालब होते हैं उतनी ही जल्दी खाली भी हो रहे हैं। जयपुर सहित अन्य जिलों के लिए पेयजल की लाइफलाइन कहे जाने वाले डेम का लेवल कुल 309.17 आरएल मीटर है,वहीं शुक्रवार सुबह तक 1.53 टीएमसी पानी शेष है। इससे आसानी से अक्टूबर तक पानी की आवक की जा सकती है। सहायक अभियंताओं के मुताबिक हालांकि बारिश होने से पानी में वृद्धि हो सकेगी। बांध परियोजना की ओर से मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही बांध के गेट के रखरखाव को लेकर आयल ग्रीस का कार्य अंतिम चरण पर है।
—प्रदेश में बड़े और छोटे कुल 725 बांध
—वर्तमान में 435 खाली हालात में
—उक्त बांधों की कुल भराव क्षमता 865.25 एमक्यूएम
—साल 2021 में करीब 336 बांध हुए खाली
—सभी संभागों के बाधों की कुल क्षमता — 12626.32 एमक्यूएम
—वतर्मान में 36.34 प्रतिशत पानी शेष