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लापरवाही से गई मासूम की जान, मंदिर प्रशासन बोला 25 हजार लेकर करो मामला रफा-दफा

locationजयपुरPublished: Oct 14, 2019 07:30:12 pm

चित्रकूट स्थित स्वामी नारायण मंदिर में हादसा, मंदिर प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज, पिता बोला, चुप रहने के मंदिर प्रशासन दे रहा था 25 हजार रुपए, रुपए नहीं, मेरा बेटा चाहिए

लापरवाही से गई मासूम की जान, मंदिर प्रशासन बोला 25 हजार लेकर करो मामला रफा-दफा

लापरवाही से गई मासूम की जान, मंदिर प्रशासन बोला 25 हजार लेकर करो मामला रफा-दफा

मुकेश शर्मा / जयपुर। वैशाली नगर स्थित स्वामी नारायण मंदिर की ओपन लिफ्ट और छत के छज्जे के बीच में एक दस वर्षीय बालक की फंसने मौत हो गई। लहूलुहान बालक को देख नजदीक खेल रहे बच्चों की चीख सुनकर मंदिर प्रशासन और अन्य लोग वहां पहुंचे। लहूलुहान बालक को नजदीक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में बच्चे के पिता ने चित्रकूट थाने में मंदिर प्रशासन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया है।

हादसे का शिकार चित्रकूट स्थित गोविंद नगर निवासी विशेष तिवाड़ी (10) हुआ। मृतक के पिता दीनदयाल तिवाड़ी ने बताया कि शनिवार करीब ढाई बजे उनकी मां कमला देवी के साथ बेटा विशेष, बेटी कनिष्का (15), छोटे भाई के बच्चे पूर्व और एंजल स्वामी नारायण मंदिर गए थे। मंदिर में अन्नकूट की तैयारी चल रही है। इसके चलते उनकी मां सेवाभाव से मंदिर जाती हैं। मां कमला मंदिर के बेसमेंट में थी और सभी बच्चे अन्य बच्चों के साथ बाहर खेल रहे थे। विशेष खेलते हुए लिफ्ट में बैठ गया। तभी लिफ्ट चल गई। बेटा लिफ्ट की रैलिंग से नीच खड़े अन्य बच्चे को झुककर देखने लगा। तभी लिफ्ट की रैलिंग और छत के छज्जे के बीच बेटा फंस गया। पिता ने बताया कि मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी घटना कैद हुई है। बच्चे के शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया। अंत्येष्टि के बाद शनिवार रात को मामला दर्ज करवाया।
मंदिर बंद तो लिफ्ट चालू क्यो?

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दीनदयाल ने बताया कि दोपहर को आमजन के लिए मंदिर बंद रहता है। लेकिन इस दौरान लिफ्ट क्यों चालू कर रखी थी। ओपन लिफ्ट चालू थी, तो वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था। मंदिर प्रशासन की लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ले ली। बेटे की मौत के बाद मंदिर प्रशासन के लोग घर पर आए और 25 हजार रुपए देकर चुप रहने के लिए कहा। रुपए देने वालों ने अहमदाबाद मंदिर प्रशासन के आला अधिकारियों से बात कर और रुपए दे देंगे। पिता दीनदयाल ने कहा कि उन्हें रुपए नहीं, उनका बेटा चाहिए। उनके एक बेटा विशेष और एक बेटी कनिष्का है। बेटे की मौत के बाद घर वालों को कैसे संभालू, मैं खुद टूट गया।
घर के बाहर तक सुनाई दे रही चीख पुकार

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गोविंद नगर में रविवार को दीनदयाल के घर के बाहर विशेष की मां विनिता तिवाड़ी, दादी कमला देवी और बहन कनिष्का की चीख सुनाई दे रही थी। कॉलोनी में सन्नाटा पसरा था। घर पर आने वाले रिश्तेदार परिजनों की चीख सुनकर ढांढ़स बंधाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। निजी स्कूल बस चलाने और इलेक्ट्रेशियन का काम करने वाले दीनदयाल को लोग ढांढ़स बंधाने में लगे थे।
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