अभियोजक पक्ष के अनुसार पीडि़ता ने धंबोला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि 21 मार्च 2014 को वह अपनी बहन के घर गई थी। उसकी बहन शाम को खेतों में गेंहू की फसल काटने गई थी, प्रार्थिया घर पर अकेली थी। इस दौरान बहन के मोबाइल पर आसेला फला रोत निवासी प्रकाश पुत्र गटूलाल रोत ने फोन किया। प्रार्थिया प्रकाश से परिचित थी तथा पूर्व में उसके साथ अहमदाबाद में मजदूरी कर चुकी थी। प्रकाश ने प्रार्थिया को मजदूरी का बकाया पैसा देने के लिए बहन के घर के पीछे की ओर बुलाया। प्रार्थिया के वहां पहुंचने पर प्रकाश व उसके दो साथियों ने पकड़ कर बांध दिया तथा मोटरसाइकिल से गलन्दर गांव में शांति के मकान पर ले गए। वहां प्रकाश ने पीडि़ता से बलात्कार किया। अगले दिन उसके शंकर घाटी घर ले गया तथा वहां भी दो दिन बंधक बनाकर बलात्कार किया। बाद में उसकी भुआ के घर खरवड़ प्रसाद ले गया। वहां पीडि़ता ने पडोसियों की मदद से अपने पीहर व ससुराल में सूचना दी। परिवारजन पुलिस के साथ पहुंचे और उसे छुड़ाया। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच के बाद आरोप पत्र पेश किया।
सुनवाई के बाद न्यायायल ने प्रकाश को भादंसं की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास व 35 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।