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सीएम राजे ने दिया तोहफा, अब शिक्षक करेंगे विदेश यात्रा

locationजयपुरPublished: Sep 06, 2018 08:32:36 am

Submitted by:

santosh

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सीएम राजे ने दिया तोहफा, ​​​​​अब शिक्षक करेंगे विदेश यात्रा

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रशिक्षण व उन्नयन के लिए शिक्षकों को विदेश भेजा जाएगा, ताकि शिक्षक वहां जाकर सीखें, वापस आकर यहां लागू करें और बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले। यह प्रयास अगले ही सत्र से शुरू किया जाएगा। राजे बुधवार को अमरुदों के बाग में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में बोल रही थीं।
सीएम ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में स्कूलों की स्थिति सुधरी है। बच्चों के जहां बोर्ड परीक्षा में 50-60 फीसदी नंबर आते थे, अब 97 फीसदी अंक आ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि 14 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों को छोडक़र सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है। उन्होंने शिक्षकों को प्रदेश के आर्किटेक्ट बताया। कहा, प्रदेश के लिए जो सपना देखा है, उसे शिक्षक ही पूरा कर सकते हैं।
सरकार आई तब रिक्त थे 50 प्रतिशत पद
राजे ने कहा कि जब उनकी सरकार आई, तब स्कूलों में 50 प्रतिशत पद रिक्त थे। स्कूलों का परिणाम भी 57 प्रतिशत ही था। हमने साढ़ चार साल में 78 हजार भर्तियां कीं। 86 हजार पाइपलाइन में हैं। रिक्तियां भरने के लिए परीक्षा हो जाती है मगर किसी न किसी मामले में कोर्ट में अटक जाती हैं।
रीट लेवल 2 की भर्ती भी चार महीने कोर्ट में अटकी रही। कोर्ट के फैसले के बाद इसी महीने में भर्तियां पूरी हो जाएंगी। रीट लेवल 1 की 24 हजार पदों की भर्ती पर फैसला आते ही इसी महीने नियुक्तियां दे देंगे। 25 हजार की भर्ती जनवरी 2018 तक हो जाएगी।
इन भर्तियों के बाद केवल 2-3 प्रतिशत रिक्तियां रहेंगी, जो कि हर साल रोटेशन में भर्ती की जाएंगी। शिक्षा विभाग ने ड्राप-आउट मुक्त पर प्रदेश की तीन हजार से अधिक पंचायतों को उजियारी पंचायतें घोषित किया है। इन उजियारी पंचायतों में बारां जिला अव्वल रहा है। राजे ने कहा कि शिक्षा को रोजगार से जोडऩे के लिए 720 सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी स्कूलों में 10 अलग-अलग व्यापारों में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स शुरू किए गए हैं।
127 शिक्षक, जनप्रतिनिधि, अधिकारी सम्मानित
36 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रारम्भिक शिक्षा के 33 शिक्षकों को श्रीगुरुजी सम्मान से नवाजा गया। 55 जनप्रतिनिधियों व समग्र शिक्षा के अधिकारियों व तीन जिला कलक्टर को भी सम्मानित किया गया।
कोने-कोने से आए, धक्के भी खाए
सम्मान के लिए प्रदेश के कोने-कोने से बुलाए गए शिक्षकों को दिनभर अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ा। गंगानगर, जैसलमेर, जोधपुर आदि जिलों से अलसुबह शिक्षक जयपुर पहुंच गए। यहां से जिलेवार स्कूलों में बनाए गए सेंटर्स पर शिक्षकों के पहुंचने के साथ ही व्यवस्थाएं बिगडऩे लगीं। स्कूलों में पंजीकरण व उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए लम्बी-लम्बी लाइनें लग गईं। सुबह 11.30 बजते ही अमरुदों के बाग में लगा पंडाल फुल हो गया। इसके बाद शिक्षकों को भीतर प्रवेश नहीं दिया गया।
खाली हाथ लौटीं
भले ही 66 छात्राओं को स्कूटी दी गई, मगर उन्हें खाली हाथ ही घर लौटना पड़ा। छात्राओं के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। ऐसे में स्कूटी नहीं दी गईं।

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