जयपुर

हर साल बन रहे 1000 पीजी डॉक्टर, सरकार की कमी से खाली हैं पद

सरकार चाहे तो तत्काल कर सकती है मेडिकल टीचर्स कमी पूरी

जयपुरMar 06, 2019 / 01:58 pm

neha soni

जयपुर।
प्रदेश में मेडिकल टीचर्स की कमी का हवाला देकर जहां मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) निरीक्षण के समय खुद चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉक्टरों की अदला-बदली कर रहा है। वहीं प्रदेश में हर साल विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से करीब 1000 डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएशन कर निकल रहे हैं। सरकार इन डॉक्टरों को भर्ती होने का अवसर सीमित कर रही है। अकेले एसएमएस मेडिकल कॉलेज में इस समय पीजी की करीब 515 सीटें हैं।
पत्रिका ने मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि कमी सरकारी मेडिकल कॉलजों में आने वाले डॉक्टरों की नहीं, बल्कि सरकारी भर्ती की है। सरकार सहायक आचार्य के पद की भी भर्ती निकालती है तो उसमें 10 गुना से भी अधिक डॉक्टर भर्ती में शामिल होने आ रहे हैं।
पड़ताल में ये कारण
भर्तियां एक साथ नहीं निकलती
वित्त विभाग की मंजूरी आती है आड़े
आरपीएससी पर भर्ती छोड़ दी जाती है
बाडमेर, डूंगरपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, पाली, चूरू मेडिकल कॉलेजों को शुरू करने के लिए सीधे इंटरव्यू बुलाकर लिया है, इस तरह पहले से चल रहे मेडिकल कॉलेजों के लिए भी की जा सकती है भर्ती
निजी अस्पतालों में सरकारी की तुलना में वेतन अधिक मिलता है
सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई, लेकिन पर्याप्त संख्या में नए डॉक्टर भर्ती नहीं किए
62 साल की आयु के बाद प्रशासनिक पदों से सीनियर डॉक्टरों को वंचित किया, मगर इस आयु के बाद नए मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक सेवा के लिए इच्छुक सीनियर डॉक्टरों को भेजा जा सकता था।
नए डॉक्टरों को सेवा में आने को प्रेरित करे
यह सही है कि भर्ती के पदों की संख्या बढ़ाकर डॉक्टरों की कमी पूरी की जा सकती है। सरकार यह करे कि डॉक्टरों की भर्ती के लिए जो भी प्रस्ताव वित्त विभाग के पास जाए, उन्हें तत्काल स्वीकृति दे। डॉक्टरों को सरकारी क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए समग्र नीति बनाई जानी चाहिए। यह तो सही है ही कि हर साल एक हजार पीजी डॉक्टर निकल रहे हैं। सरकार को यह भी देखना ही चाहिए कि ये जा कहां रहे हैं, निजी में जा रहे हैं तो सरकारी में क्यों नहीं।
डॉ वीरेन्द्र सिंह, पूर्व अधीक्षक, सवाई मानसिंह अस्पताल
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