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हाईकोर्ट के दखल से 108 एम्बूलेंस हड़ताल खत्म,वार्ता में बनी प्रारंभिक सहमति

locationजयपुरPublished: Nov 01, 2019 07:53:54 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

राजस्थान हाईकोर्ट के दखल से 108 एम्बूलेंस (108 Ambulance) कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल (strike called off) समाप्त होने के साथ ही यूनियन और सरकार के बीच वार्ता हुई। वार्ता में नए कांट्रेक्टर के आने पर कार्यरत कर्मचारियों को नहीं हटाने व अन्य मांगों पर सैद्वांतिक सहमति बन गई है। वेतन बढ़ाने की मांग पर सोमवार को वार्ता होगी।

जयपुर

यूं हुआ हाईकोर्ट का दखल…

शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष महेन्द्र शांडिल्य ने हड़ताल को लेकर एक जनहित याचिका दायर की और मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई की प्रार्थना की थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की बैंच सुनवाई के लिए तैयार हो गई। अदालत ने चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और हड़ताली यूनियन के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह को दोपहर दो बजे पेश होने के निर्देश दिए। दोपहर दो बजे चिकित्सा विभाग के एसीएस रोहित कुमार सिंह और हड़ताली यूनियन के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह अदालत में पेश हुए। वीरेन्द्र सिंह को पुलिस ने पेश किया क्यों कि वह पुलिस हिरासत में थे।
कैसे चले इनका घर…

वीरेन्द्र सिंह ने अदालत को बताया कि कांट्रेक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को बेहद कम वेतन दिया जा रहा है। ड्राईवर मात्र 8200 रुपए और नर्सिंग स्टॉफ को 9200 रुपए ही घर ले जाने लायक मिलते हैं। इस पर अदालत ने एसीएस रोहित कुमार सिंह से मुखातिब होकर मौखिक रुप से कहा कि तने कम वेतन में परिवार कैसे चल सकता है ? एसीएस ने कांट्रेक्ट के अनुसार पैसा देना बताया तो अदालत ने कहा कि वह कांट्रेक्ट पर जा ही नहीं रहे हैं लेकिन,सरकार मानवीय दृष्टिकोण से विचार करे क्यों कि यह कर्मचारी मानवता की सेवा कर रहे हैं।
खत्म करो हड़ताल और वार्ता करो…

अदालत के कहने पर यूनियन अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने नया कांट्रेक्ट होने पर वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को सेवा में बनाए रखने और टेक होम सैलेरी में तार्किक बढोतरी करने पर तत्काल हड़ताल वापिस लेने का आश्वासन दिया। एसीएस रोहित कुमार सिंह ने हड़ताल समाप्त होने पर शाम 5 बजे यूनियन को अपने चैंबर में वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। इस पर कोर्ट ने यूनियन को पांच प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करने और सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने तथा 5 नवंबर को नतीजे की जानकारी अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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