इसलिए बना रहे अतिरिक्त पेयजल सप्लाइ का प्रोजेक्ट
870 एमएलडी पेयजल सप्लाई का स्टोरेज है बीसलपुर से हर दिन जयपुर, टोंक, दूदू के लिए
650 एमएलडी प्रतिदिन सप्लाई का ही सिस्टम है अभी
220 एमएलडी पेयजल सप्लाई का सिस्टम नहीं है, इसी के लिए नया प्रोजेक्ट
170 एमएलडी पेयजल जयपुर के लिए है इसमें
50 एमएलडी पेयजल बीसलपुर-दूदू परियोजना के लिए
220 एमएलडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन और 220 एमएलडी का फिल्टर प्लांट सूरजपुरा में बनेगा
60 एमएलडी का स्वच्छ जलाशय व इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन रेनवाल के पास बनाया जाएगा
30 एमएलडी का स्वच्छ जलाशय बालावाला में बनेगा
बीसलपुर से सूरजपुरा पंपिंग
स्टेशन के जरिए अतिरिक्त पानी भेजा जाएगा
रेनवाल पर बनने वाले पंपिंग स्टेशन पर पानी को डायवर्ट करेंगे, जहां अतिरिक्त पानी स्टोरेज हो सकेगा। यहां से बालावाला स्टेशन होते हुए जयपुर शहर में सप्लाई होगा
870 एमएलडी पेयजल सप्लाई का स्टोरेज है बीसलपुर से हर दिन जयपुर, टोंक, दूदू के लिए
650 एमएलडी प्रतिदिन सप्लाई का ही सिस्टम है अभी
220 एमएलडी पेयजल सप्लाई का सिस्टम नहीं है, इसी के लिए नया प्रोजेक्ट
170 एमएलडी पेयजल जयपुर के लिए है इसमें
50 एमएलडी पेयजल बीसलपुर-दूदू परियोजना के लिए
220 एमएलडी क्षमता का पंपिंग स्टेशन और 220 एमएलडी का फिल्टर प्लांट सूरजपुरा में बनेगा
60 एमएलडी का स्वच्छ जलाशय व इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन रेनवाल के पास बनाया जाएगा
30 एमएलडी का स्वच्छ जलाशय बालावाला में बनेगा
बीसलपुर से सूरजपुरा पंपिंग
स्टेशन के जरिए अतिरिक्त पानी भेजा जाएगा
रेनवाल पर बनने वाले पंपिंग स्टेशन पर पानी को डायवर्ट करेंगे, जहां अतिरिक्त पानी स्टोरेज हो सकेगा। यहां से बालावाला स्टेशन होते हुए जयपुर शहर में सप्लाई होगा
इसलिए पड़ी नए प्रोजेक्ट की जरूरत
1100 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए लोन स्वीकृत से पहलेे जायका ने सरकार से जानकारी चाही थी कि दूसरे फेज में पानी के लिए बीसलपुर में अतिरिक्त पानी की व्यवस्था कैसे होगी। ब्राह्मणी-बनास परियोजना के जरिए पानी आने की स्थिति बताई, लेकिन यह कागजों में ही है। इसलिए लोन स्वीकृति का प्रस्ताव अटका रहा। स्थिति यह है कि ब्राह्मणी-बनास की डीपीआर तक नहीं बनी, जबकि जलदाय विभाग जल संसाधन विभाग को 5.58 करोड़ दे चुका है। यहां से 14 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक) पेयजल उपलब्ध हो सकता है।
1100 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए लोन स्वीकृत से पहलेे जायका ने सरकार से जानकारी चाही थी कि दूसरे फेज में पानी के लिए बीसलपुर में अतिरिक्त पानी की व्यवस्था कैसे होगी। ब्राह्मणी-बनास परियोजना के जरिए पानी आने की स्थिति बताई, लेकिन यह कागजों में ही है। इसलिए लोन स्वीकृति का प्रस्ताव अटका रहा। स्थिति यह है कि ब्राह्मणी-बनास की डीपीआर तक नहीं बनी, जबकि जलदाय विभाग जल संसाधन विभाग को 5.58 करोड़ दे चुका है। यहां से 14 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक) पेयजल उपलब्ध हो सकता है।
पेयजल व्यवस्था के लिए नया प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसका उच्च स्तर पर आकलन किया जा रहा है। इसके जरिए जयपुर व दूदू तक 22 करोड़ लीटर अतिरिक्त पानी पहुंचाने के संसाधन की व्यवस्था होगी।
दिनेश गोयल, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग
दिनेश गोयल, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग