जयपुर

मदरसों में फर्जी तरीके से बन गए 128 शिक्षक

हाईकोर्ट ने कहा: सीएस की निगरानी में एसीबी करे जांच, तीन महीने में पेश करे रिपोर्ट, राजस्थान में मदरसा शिक्षकों की 2010 में हुई नियुक्ति में फर्जीवाड़े का मामला

जयपुरNov 26, 2019 / 05:30 pm

Abrar Ahmad

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जयपुर. वर्ष 2010 में संविदा पर 3500 मदरसा शिक्षकों की भर्ती में 128 अपात्र लोगों को नियुक्ति देने के मामले में हाईकोर्ट ने सीएस की निगरानी में एसीबी को भर्ती का पूर्व रिकॉर्ड जब्त कर जांच के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने सोमवार को दिए इस अंतरिम निर्देश में यह भी कहा कि जांच रिपोर्ट तीन महीने में पेश की जाए। अदालत ने भर्ती में अल्पसंख्यक विभाग की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए बोर्ड के तत्कालीन सचिव उस्मान खान के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे क्यों बचा रही है, उसे बचाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
अदालत ने सौंपी थी एसीबी को जांच

पिछली सुनवाई में अदालत ने एसीबी को जांच सौंपी थी। एएजी सत्येन्द्र सिंह राघव ने मामले की जांच एसीबी को देने के फैसले को संशोधित करवाने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था। जिस पर अदालत ने कहा कि सीएस अपनी निगरानी में एसीबी से जांच करवाएं।

ऐसे खुला मामला
गौरतलब है कि प्रार्थिया रजिया सुल्तान ने अपने बकाया वेतन के भुगतान को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान सामने आया कि 2010 में संविदा के आधार पर 3500 शिक्षकों के पदों पर भर्ती हुई है। इसमें तत्कालीन मदरसा बोर्ड सचिव ने 128 अपात्र लोगों को नियुक्त कर दिया। मामले का खुलासा होने पर विभाग ने जांच के लिए अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव की कमेटी बनाई। जिसमें अपनी रिपोर्ट में 128 अभ्यर्थियों को अपात्र पाया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। लेकिन मदरसा बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

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