scriptहर दिन 13 करोड़ लीटर पानी लीकेज और चोरी | 13 crore liters of water leakage and theft every day | Patrika News

हर दिन 13 करोड़ लीटर पानी लीकेज और चोरी

locationजयपुरPublished: Jan 11, 2020 05:08:00 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

#PHED #Jaipur

हर दिन 13 करोड़ लीटर पानी लीकेज और चोरी

हर दिन 13 करोड़ लीटर पानी लीकेज और चोरी


जयपुर। नौकरशाहों की लापरवाही और नेताओं के दखल के कारण शहर में हर दिन करीब 13 करोड़ लीटर पानी छीजत (लीकेज व चोरी) में बह रहा है। यह शहर में हो रही कुल सप्लाई का 25 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें से दस प्रतिशत यानि छह करोड़ लीटर पानी लीकेज का हिस्सा है। इस परेशान करने वाले हालात की जानकारी जलदाय विभाग के अफसरों को भी है लेकिन अब तक इसे रोकने के कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए। उलटे, प्रशिक्षण के नाम पर जापान घूमने और यहां पायलट प्रोजेक्ट शुरुआत करने का दिखावा करके सरकार और जनता को गुमराह किया जाता रहा है। जबकि, महाराष्ट्र का नागपुर और केरल का कोच्ची शहर लीकेज और चोरी रोकने में नजीर साबित हो रहे हैं। यहां लीकेज और चोरी हो रहे पानी को बचाने के लिए सरकारी सिस्टम फेल हुआ तो जनता ही आगे आ गई। पाइपलाइन से लीकेज हो रहे पानी की जानकारी संबंधित सरकारी एजेंसी को देने का काम शुरू किया। अब दोनों शहरों में व्यर्थ बह रहे पानी को बचाया जा रहा है। राजस्थान में ऐसे शहरों से सबक नहीं लिया जा रहा है।

यहां दिखावा : अजमेर रोड पर शांति नगर, मजदूर नगर में कुछ माह पहले लीकेज ढूंढने का काम शुरू किया। अफसरों ने वाहवाही भी लूटी लेकिन इस मुहिम ने कुछ दिन में ही दम तोड़ दिया।
जायका ने दिखाया था आइना..
पेयजल छीजत का पता लगाने के लिए सर्वे भी हो चुका है। जापानी एजेंसी जायका ने सर्वे किया था, जिसमें 25 से 30 प्रतिशत तक छीजत होने का दावा किया गया। मौके पर इसका आकलन किया जा सका और न ही इसे रोकने के प्रयास किए गए।
यहां हुए फेल, जबकि जापान तक गए थे इंजीनियर..
-दावा : पानी की छीजत का पता लगाने के लिए शहर के आदर्श नगर व जवाहर नगर इलाके को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित किया गया। जापान की एजेंसी जाइका (जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी) के सहयोग से आदर्श नगर में बर्फखाना चौराहे के पास पानी की टंकी परिसर में इसके लिए उपकरण लगाए गए। इसके जरिए छीजत रोकने का दावा।
-दिखावा : अभियंताओं को प्रशिक्षण के लिए जापान तक भेजा गया, लेकिन खास नतीजा नहीं निकल पाया।
-हकीकत : इन क्षेत्रों में करीब 12 हजार उपभोक्ताओं के बंद मीटर बदलने, पुरानी पाइप लाइन बदलने, बल्क मीटर लगाने, अवैध कनेक्शन काटने एवं समस्त कार्यों की मॉनिटरिंग करने का काम शुरू किया गया था पर धरातल पर कुछ नहीं।
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