एक साल का था जब मां मर गई, नशेडी पिता ने घर से निकाल दिया, पांच बुआ हैं किसी ने नहीं रखा
बच्चे की काउंसलिंग करने वाले एनजीओ बाल आश्रम सोठाना के पदाधिकारियों ने बताया कि बच्चे की उम्र तेरह पूरी हुई ही है। वह जब तेरह का था जब उसके साथ यह घटना हुई थी। दरअसल वह सांभर का रहने वाला है। एक साल का था जब मां की मौत हो गई थी। पिता ने कुछ दिन रखा और उसके बाद पिता ने घर से निकाल दिया। शराब के नशे का आदी पिता उसे मारना ही चाहता था। लेकिन दादी ने बचा लिया। वह उसे अपने साथ चौमू ले गई। कुछ महीनों पहले दादी की मौत हो गई और बच्चे का सहारा छीन गया। वह अपनी पांच बआओं के गया लेकिन किसी ने भी नहीं रखा। बाद में वह सिंधी कैंप क्षेत्र में आकर रहने लगा। सड़कों पर रहता और पेट भरने के लिए काम करता।
बच्चे की काउंसलिंग करने वाले एनजीओ बाल आश्रम सोठाना के पदाधिकारियों ने बताया कि बच्चे की उम्र तेरह पूरी हुई ही है। वह जब तेरह का था जब उसके साथ यह घटना हुई थी। दरअसल वह सांभर का रहने वाला है। एक साल का था जब मां की मौत हो गई थी। पिता ने कुछ दिन रखा और उसके बाद पिता ने घर से निकाल दिया। शराब के नशे का आदी पिता उसे मारना ही चाहता था। लेकिन दादी ने बचा लिया। वह उसे अपने साथ चौमू ले गई। कुछ महीनों पहले दादी की मौत हो गई और बच्चे का सहारा छीन गया। वह अपनी पांच बआओं के गया लेकिन किसी ने भी नहीं रखा। बाद में वह सिंधी कैंप क्षेत्र में आकर रहने लगा। सड़कों पर रहता और पेट भरने के लिए काम करता।
काम दिलाने के बहाने ले गए थे ढाबे पर
सिंधी कैंप पर उसे रविन्द्र और एक अन्य नाम का युवक मिला। वे उसे काम दिलाने के बहाने अपने साथ रामगरिया क्षेत्र मंे स्थित एक ढाबे पर ले आए। ढाबे पर लाने के बाद लडका वहां काम करने लगा। इसी साल मार्च मंे रविन्द्र और उसका साथी बच्चे को और बडा काम दिलाने के बहाने अपने साथ अपने घर ले गए। वहां पर उसे बंधक बनाया। कई बार उसके साथ वहशीयाना हरकतें की, कुकर्म किया मारपीट की। वह रोता रहा तो उसे मारते पीटते थाने ले आए। पुलिस से कहा ये हमारे चोरी कर रहा था। पुलिस ने उसे पकडकर बाल अपचारी बना दिया।
सिंधी कैंप पर उसे रविन्द्र और एक अन्य नाम का युवक मिला। वे उसे काम दिलाने के बहाने अपने साथ रामगरिया क्षेत्र मंे स्थित एक ढाबे पर ले आए। ढाबे पर लाने के बाद लडका वहां काम करने लगा। इसी साल मार्च मंे रविन्द्र और उसका साथी बच्चे को और बडा काम दिलाने के बहाने अपने साथ अपने घर ले गए। वहां पर उसे बंधक बनाया। कई बार उसके साथ वहशीयाना हरकतें की, कुकर्म किया मारपीट की। वह रोता रहा तो उसे मारते पीटते थाने ले आए। पुलिस से कहा ये हमारे चोरी कर रहा था। पुलिस ने उसे पकडकर बाल अपचारी बना दिया।
बाल सुधार गृह में हत्या हुई तो वहां से बाल आश्रम को दे दिया, तब हुआ खुलासा
पुलिस ने मार्च में बच्चे को बाल सुधार गृह में भेज दिया। वहां पिछले दिनों जब बाल अपचारियों के दो गुटों में झगड़े के बाद हत्या हो गई तो फिर बाल सुधार गृह में रहने वाले सभी बच्चों को इधर उधर कर दिया गया। इस तेरह साल के बच्चे को विराटनगर में स्थित बाल आश्रम वालों को सौंपा गया। उसकी काउंसलिंग की गई और उसे सदमे से बाहर लाया गया तब जाकर उसने अपने साथ हुई पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। उसके बाद अब बाल आश्रम की ओर से रामनगरिया थाने में बच्चे के साथ हुए अपराध के बारे में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
पुलिस ने मार्च में बच्चे को बाल सुधार गृह में भेज दिया। वहां पिछले दिनों जब बाल अपचारियों के दो गुटों में झगड़े के बाद हत्या हो गई तो फिर बाल सुधार गृह में रहने वाले सभी बच्चों को इधर उधर कर दिया गया। इस तेरह साल के बच्चे को विराटनगर में स्थित बाल आश्रम वालों को सौंपा गया। उसकी काउंसलिंग की गई और उसे सदमे से बाहर लाया गया तब जाकर उसने अपने साथ हुई पूरी घटना के बारे में जानकारी दी। उसके बाद अब बाल आश्रम की ओर से रामनगरिया थाने में बच्चे के साथ हुए अपराध के बारे में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।