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55 साल पुरानी मशीनों से चलेगी यह फिल्म

locationजयपुरPublished: Jan 19, 2019 02:04:01 pm

Submitted by:

Devendra Singh

यपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में एक बार फिर से गुजरे जमाने की यादें ताजा होंगी। मौका होगा रविवार दोपहर 3.30 बजे जैम सिनेमाहॉल में 60 के दशक में बनी फिल्म मुगले-ए-आजम के प्रदर्शन का। फिल्म प्रदर्शन में वही 55 साल पुराना सिनेमा हॉल होगा, उसी समय की 70 एमएम 6 ट्रैक मैगनेटिक साउंड सिस्टम का प्रोजेक्टर होगा। खास बात तो यह होगी कि उसी समय के प्रोजेक्टर मैन भवानी सिंह फिल्म का प्रदर्शन करेंगे।

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देवेद्रिसंह / जयपुर . जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में एक बार फिर से गुजरे जमाने की यादें ताजा होंगी। मौका होगा रविवार दोपहर 3.30 बजे जैम सिनेमाहॉल में 60 के दशक में बनी फिल्म मुगले-ए-आजम के प्रदर्शन का। फिल्म प्रदर्शन में वही 55 साल पुराना सिनेमा हॉल होगा, उसी समय की 70 एमएम 6 ट्रैक मैगनेटिक साउंड सिस्टम का प्रोजेक्टर होगा। खास बात तो यह होगी कि उसी समय के प्रोजेक्टर मैन भवानी सिंह फिल्म का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान पुराने तरीके से ही घंटी बजते ही सिनेमा का पर्दा उठेगा और हाथ में टार्च लिए टिकट चैकर घूमते नजर आएंगे।
6 ट्रैक मैगनेटिक साउंड सिस्टम

जैम सिनेमा के मालिक सुधीर कासलीवाल ने बताया कि जैम सिनेमा हॉल राजस्थान का पहला व देश का दूसरा 70 एमएम सिनेमा हॉल है। 4 जुलाई, 1964 में सिनेमा हॉल शुरू होने से पहले सबसे पहले 1963 में मुम्बई की एक कंपनी के मार्फत जर्मनी से 2.5 लाख रुपए का 4 ट्रैक मैगनेटिक साउंड सिस्टम की दो प्रोजेक्टर मशीनों का पेयर मंगवाया था। इसका साउंड इफैक्ट इतना जबरदस्त था कि लोग इसके दिवाने हो गए। इसके बाद 1970 के दशक में इसके बाद करीब 5 लाख रुपए की कीमत की 70 एमएम 6 ट्रैक मैगनेटिक साउंड सिस्टम का एक पेयर प्रोजेक्टर मशीन मंगवाई गई थी। कल उसी मशीन से पुरानी फिल्म दिखाई जाएगी।
खास है सिनेमा का पर्दा

प्रोजेक्टर मैन भवानी सिंह का कहना है कि उस समय ज्यादातर लोग 4 व 6 ट्रैक मैगनेटिक साउंड सिस्टम के कारण जैम में फिल्म देखने के लिए आते थे। इसके साथ ही सिनेमा के पर्दे के ड्रॉप कंट्रोल सिस्टम के कारण लोग पर्दा देखने के लिए आते थे। ऐसा माना जाता है कि उस जमाने में जैम सिनेमा हॉल का पर्दा बहुत ही बेहतरीन था। लोग फिल्म शुरू होने से पहले सीटों पर बैठ जाते थे।
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