बाबा रामदेव का मेला शुरू
जोधपुर/रामदेवरा। मन में अगाध आस्था और हाथों में रंग-बिरंगी ध्वजा लिए लाखों श्रद्धालु बाबा रामदेव के दर्शनों को उमड़े। पूरा मारवाड़ ही मानो बाबा के रंग में रंग गया हो। बुधवार को मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के साथ बाबा रामदेव का 633वां मेला शुरू हुआ। तडक़े साढ़े तीन बजे से शुरू हुई दर्शनार्थियों की कतारें देर रात तक लगी रही। इस दौरान करीब पांच कतारें मंदिर के मुख्य द्वार से तीन किमी दूर तक पहुंच गई। करीब ३ लाख दर्शनार्थियों को आठ से दस घंटे इंतजार के बाद दर्शन किए। इससे पहले जोधपुर के निकट मसूरिया स्थित बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ के समाधि स्थल पर दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ा। यहीं से श्रद्धालु बाबा रामदेव के दर्शनों को जाते हैं।
जोधपुर/रामदेवरा। मन में अगाध आस्था और हाथों में रंग-बिरंगी ध्वजा लिए लाखों श्रद्धालु बाबा रामदेव के दर्शनों को उमड़े। पूरा मारवाड़ ही मानो बाबा के रंग में रंग गया हो। बुधवार को मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के साथ बाबा रामदेव का 633वां मेला शुरू हुआ। तडक़े साढ़े तीन बजे से शुरू हुई दर्शनार्थियों की कतारें देर रात तक लगी रही। इस दौरान करीब पांच कतारें मंदिर के मुख्य द्वार से तीन किमी दूर तक पहुंच गई। करीब ३ लाख दर्शनार्थियों को आठ से दस घंटे इंतजार के बाद दर्शन किए। इससे पहले जोधपुर के निकट मसूरिया स्थित बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ के समाधि स्थल पर दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ा। यहीं से श्रद्धालु बाबा रामदेव के दर्शनों को जाते हैं।
बांसवाड़ा में देर रात मकान ढहा…
बांसवाड़ा. शहर के कुशलबाग के सामने स्थित एक मकान की कुछ दिन पूर्व खोदी गई नींव के कारण निकट ही ऊ परी मंजिल का एक अन्य मकान बुधवार रात भरभराकर गिर गया। इससे मकान के नीचे संचालित दुकानें सामान सहित जमींदोज हो गई और मकान जमीन पर आ टिका। गनीमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। मकान में दंपती थे, जिन्हें हल्की खरोंचें आई हैं। बच्चे गणपति की मूर्ति लेने निकले थे, जिससे वे बच गए।
बांसवाड़ा. शहर के कुशलबाग के सामने स्थित एक मकान की कुछ दिन पूर्व खोदी गई नींव के कारण निकट ही ऊ परी मंजिल का एक अन्य मकान बुधवार रात भरभराकर गिर गया। इससे मकान के नीचे संचालित दुकानें सामान सहित जमींदोज हो गई और मकान जमीन पर आ टिका। गनीमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। मकान में दंपती थे, जिन्हें हल्की खरोंचें आई हैं। बच्चे गणपति की मूर्ति लेने निकले थे, जिससे वे बच गए।